कोविड काल के दौरान जब लोगों ने सोचा था कि जीवन और अर्थव्यवस्था लगभग रुक जाएगी, भारत ने एक बटन के एक क्लिक पर जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता प्रदान की। तकनीक की मदद से दूर रहते हुए भी डॉक्टरों ने रोगियों का इलाज किया किया। इंटरनेट के माध्यम से जहां एक ओर बच्चों ने स्कूली शिक्षा घर पर ली तो वहीं दूसरी ओर कार्यालय जाने वालों के लिए घर से काम करन संभव हो पाया। डिजिटल इंडिया ने देश के लोगों को एक मंच और बाजार प्रदान किया है, जिसमें वे अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकते हैं और नए बाजारों तक पहुंच सकते हैं। 6G विकास उच्च तकनीक प्रौद्योगिकी के साथ भारत के लिए विशाल संभावनाओं को खोलता है और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, स्मार्ट शहरों, उद्योग और वित्तीय समावेशन आदि सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

Human Ke Life Me Technology Ka Mahatva (Importance of Technology In Human Life)

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने जनपद के प्रत्येक ब्लाॅक में 3-3 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाये जाने के दिए निर्देश

देहरादून। माननीय शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डाॅ0 धन प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं सिंह रावत की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में विद्यालयी प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं शिक्षा विभाग, जनपद की समीक्षा आहुत की गई। जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने माननीय मंत्री जी पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
बैठक में माननीय मंत्री ने विद्यालयों में छात्र संख्या, शिक्षकों की स्थति एवं अवस्थापना सुविधाओं के बारे खण्ड शिक्षा अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई। माननीय मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी शासकीय स्कूलों में शत् प्रतिशत् शिक्षक, फर्नीचर, पेयजल, बिजली, शौचालय, चाहरदीवारी, पुस्तकालय, खेल अवस्थाना सुविधाएं के साथ ही चपरासी एवं सफाई कर्मी अवश्य हो इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।

भारत में जल्द होगी 6G की शुरुआत, टास्क फोर्स भी गठित

इस साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने देश में 5G की शुरुआत की। 5G की शुरुआत होते ही देश में 6G की तैयारी शुरू हो गई है। 6G को लेकर केंद्र सरकार क्या तैयारी कर रही है और 6G आने से क्या फायदा होगा ये सब प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं हम इस लेख में जानेंगे।

इनोवेशन ग्रुप का गठन

दूरसंचार विभाग ने 6G पर एक प्रौद्योगिकी इनोवैशन ग्रुप (Technology innovation group TIG-6G) का गठन किया है। इस ग्रुप के सदस्य 6G के लिए विज़न, प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं मिशन और लक्ष्यों को निर्धारित करेंगे। इस ग्रुप में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, अनुसंधान और विकास संस्थानों, शिक्षाविदों, मानकीकरण निकायों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और उद्योग के सदस्य शामिल है। इस ग्रुप का काम भारत में 6G के लिए रोडमैप और कार्य योजनाएं विकसित करना।

प्रौद्योगिकी इनोवैशन ग्रुप (TIG-6G) ने 6 टास्क फोर्स का भी गठन किया है। इस टास्क फोर्स में उद्योग, शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और सरकार के लोग शामिल है। ये सदस्य मल्टी-डिसिप्लिनरी इनोवेटिव सॉल्यूशंस, मल्टीप्लेटफॉर्म नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क,नेक्स्ट जेनरेशन की आवश्यकताओं के लिए स्पेक्ट्रम, डिवाइस,अंतर्राष्ट्रीय मानक योगदान और वित्त पोषण अनुसंधान और विकास पर सदस्यों के रूप में शामिल है। भारत 6G visioning exercise में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) में भी योगदान दे रहा है।

क्या है 6G

6G में G का अर्थ जनरेशन होता है। यह दरअसल, सेल्युलर नेटवर्क टेक्नोलाजी की छठी जेनरेशन है, इसलिए इसे 6G कहा प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं जाता है। जब जेनरेशन अपडेट होती है तो उसमें तकनीकी सुधार प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं हो जाता है। जैसे-जैसे सेल्युलर मोबाइल नेटवर्क तकनीक आगे बढ़ती है प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं डाटा स्पीड में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त सिक्योरिटी समेत दूसरे फीचर्स अपग्रेड हो जाते हैं।

6G प्रौद्योगिकी वैश्विक स्तर पर एक आर्थिक और तकनीकी महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी। इससे स्टार्ट-अप के लिए मौजूदा चुनौतियों को हल करने, नौकरियां पैदा करने और देश की वर्तमान समस्याओं लिए इनोवेटिव समाधान के नए अवसर मिलेंगे। 6G 5G नेटवर्क की तुलना में उच्च आवृत्तियों का उपयोग करने में सक्षम होगा। इसकी क्षमता काफी अधिक होगी और कनेक्ट होने में भी कम समय लेगा। इससे पैरामेडिक्स, शिक्षकों और कृषि तकनीशियनों को डॉक्टरों, प्रोफेसरों और कृषि विशेषज्ञों की ऑन-साइट उपस्थिति की बहुत कम या सीमित आवश्यकता के साथ गांव के पारिस्थितिक तंत्र को शुरू करने में मदद मिलेगी। 6G के उपयोग से रेल, वायु और सड़क नेटवर्क को फायदा होगा और ये परिवहन को और अधिक कुशल बना देगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और बड़े पैमाने पर समानांतर कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर परिवहन और शेड्यूलिंग संचालन अनुसंधान समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।

यूपी में एग्रीकल्चर और एयरक्राफ्ट सेक्टर में निवेश करेगा फ्रांस, सिंगापुर के साथ 7700 करोड़ के एमओयू साइन

Updated Dec 20, 2022 | 05:52 PM IST

यूपी में एग्रीकल्चर और एयरक्राफ्ट सेक्टर में निवेश करेगा फ्रांस, सिंगापुर के साथ 7700 करोड़ के एमओयू साइन

यूपी में एग्रीकल्चर और एयरक्राफ्ट सेक्टर में निवेश करेगा फ्रांस, सिंगापुर के साथ 7700 करोड़ के एमओयू साइन

  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए इनोटेरा एजी ने टीम योगी से किया एमओयू
  • इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस रिपेयर और ओवरहॉल के क्षेत्र में निवेश का उत्सुक
  • सिंगापुर के निवेशकों की ओर से हजारों करोड़ रुपए के एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

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2. परिवीक्षाधीन अधिकारियों के रूप में शामिल होने के लिए संबंधित केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान (सीटीआई) में रिपोर्ट करने के तुरंत बाद सभी चयनित उम्मीदवारों को किसी भी परीक्षा में उपस्थित होने के अपने इरादे के बारे में शामिल होने की तिथि पर एक घोषणा अनिवार्य रूप से देनी होगी। ऐसी घोषणा देने के लिए दो विकल्प होंगे, जिनमें से एक को प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं सभी उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से भरना होगा।

  • घोषणा ‘A’: जो लोग अपने कैरियर की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए किसी भी परीक्षा में शामिल होने का इरादा रखते हैं, उन्हें एक वर्ष के लिए ईओएल प्रदान करने के लिए संबंधित केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थान के प्रमुख को लिखित रूप में आवेदन करना होगा।
  • घोषणा ‘B’: जो कोई भी परीक्षा देने का इरादा नहीं रखते हैं, वे इस आशय की घोषणा देंगे और उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी।

शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका (The role of technology in education):| Importance प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं of Technology In Human Life

Human Ke Life Me Technology Ka Mahatva (Importance of Technology In Human Life)

Human Ke Life Me Technology Ka Mahatva (प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं Importance of Technology In Human Life) | Image: Google

I. प्रस्तावना | Human Life Me Technology Ka Mahatva

शिक्षा में प्रौद्योगिकी की वर्तमान स्थिति का संक्षिप्त अवलोकन
थीसिस कथन लेख के मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करता है
द्वितीय। शिक्षा में प्रौद्योगिकी के लाभ

उन्नत सीखने के अनुभव: प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं प्रौद्योगिकी का उपयोग इंटरैक्टिव, आकर्षक पाठ और गतिविधियों को बनाने के लिए किया जा सकता है जो छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से सीखने में सहायता कर सकते हैं।
बढ़ी हुई पहुंच: प्रौद्योगिकी विकलांग छात्रों या दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए शिक्षा को अधिक सुलभ बना सकती है।
बेहतर संचार और सहयोग: प्रौद्योगिकी छात्रों और शिक्षकों के बीच संचार की सुविधा प्रदान कर सकती है, साथ ही छात्रों को परियोजनाओं और असाइनमेंट पर सहयोग करने की अनुमति देती है।
तृतीय। शिक्षा में प्रौद्योगिकी की चुनौतियां

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