प्राण मुद्रा पित्त की अत्यधिक आग को शांत करती है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त का संतुलित होना जरूर होता है। क्योंकि इसका असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इसके लिए आप प्राण मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। इसे करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। अब अपनी अनामिका और कनिष्ठा उंगुलियों की नोक को अंगूठे की नोक से मिलाएं। मध्यमा और तर्जनी उंगुली को सीधा रखें। इस मुद्रा को आप 10 मिनट तक कर सकते हैं। इसमें लंबी गहरी सांस लें और ध्यान लगाएं।

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बेहतर शारीरिक संतुलन के लिए योगासन | Yoga Poses for a Better Posture

क्या आप जानते हैं एक सही शारीरिक मुद्रा आपको कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है? लंबा, पतला और सबसे महत्वपूर्ण बात, वह आपको आत्मविश्वासी दिखाती है? और फिर भी, साधारणत: आज भी हम में से ज्यादातर में सही मुद्रा में बैठने का अभाव है । आज की आधुनिक जीवन शैली में लंबे समय तक रीढ़ को झुकाकर रखने से यह तनावपूर्ण हो गई है। अभ्रमण्शील नौकरी, लंबे समय तक काम और उपकरणों का अत्यधिक उपयोग हमारे शरीर को क्न्धों से झुका हुआ और कूबडा बनाते हैं।

हमारी कार्यप्रणाली इतनी बिगड चुकी है कि हम बैठना, चलना और सोने का तरीका तक भूल जाते हैं! और यही कारण है कि हम शरीर के विभिन्न भागों कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है? में दर्द के साथ अंतिम सांस लेते हैं। अपने खडे होने, बैठने और चलने के ढंग के प्रति सजग हो के, तथा नियमित रूप से कुछ आसन और योग मुद्राओं का अभ्यास करके, आप शारीरिक दर्द से छुटकारा पा सकते है।

एक सही मुद्रा क्या है? |What is a correct posture?

आपके शरीर को, सही मुद्रा में तब कहा जाएगा, जब यह इस तरह से गठित किया जाए कि पीठ सीधी हो, कंधे चौकस और आराम से, ठोड़ी सधी हुई, छाती बाहर, और पेट अन्दर हो। बस एक सीधी रेखा की तरह।

नियमित योग अभ्यास का पहला लाभ यह है कि यह जागरूकता लाता है। एक अच्छी मुद्रा के लिए अपनी शारीरिक क्षमता के बारे में जान समझ लेना आवश्यक है। ऎसे में जैसी अवस्था में आपका शरीर होगा, वैसे में योग आपकी मदद करेगा । सजगता के साथ निम्न आसनों(मुद्राओं) का अभ्यास करके अपने शरीर की कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है? स्थिती को सही करें।

Dollar vs Rupee: सबके लिए घाटे का सौदा नहीं होता गिरता रुपया, इन भारतीयों को हो रहा है मोटा फायदा!

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में बड़ी गिरावट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2022,
  • (अपडेटेड 17 जुलाई 2022, 2:04 PM IST)
  • एक्सपोर्टरों को भी मिलता है गिरते रुपये का फायदा
  • इंपोर्ट के लिए खर्च करनी पड़ती है अधिक रकम

डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया (Indian Currency) इन दिनों अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुका है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.99 पर बंद हुआ था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय करेंसी ही कमजोर हुई है. डॉलर ने यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाली करेंसी को भी गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारतीय रुपये की गिरती कीमत कुछ लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.

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अगर 100 डॉलर आपके लिए किसी ने भेजा है, तो आज के समय भारतीय करेंसी (Indian Currency) में ये लगभग 8000 रुपये होगी. वहीं, अगर डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 70 रुपये होती, तो आपको 7000 रुपये मिलते. यानी 1000 रुपये आपको कम प्राप्त होते. इस तरह रुपये की गिरती वैल्यू के बीच भी कई लोगों को तगड़ा फायदा मिल रहा है.

कितना आता है विदेशों से पैसा

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशों से साल 2020 में 83 अरब डॉलर से अधिक धन भेजा गया था. वहीं, 2021 में 87 अरब डॉलर की रकम भारत आई थी. विदेशों में नौकरी कर रहे भारतीय भारी मात्रा में पैसा देश में अपने परिवारों के पास भेजते हैं. इससे देश के विदेशी मुद्रा कोष को फायदा होता है.

एक्सपोर्टरों के लिए भी फायदे का सौदा

जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू गिरती है, तो एक्सपोर्टर फायदे में रहते हैं. सॉफ्टवेयर कंपनियां और फार्मा कंपनियां इसका अधिक फायदा उठाती हैं. क्योंकि उन्हें पेमेंट का भुगतान डॉलर में मिलता है, जिसकी वैल्यू भारत में आकर बढ़ जाती है. इस वजह उन्हें रुपये में आई गिरावट का फायदा मिलता है.

बेहतर शारीरिक संतुलन के लिए योगासन | Yoga Poses for a Better Posture

क्या आप जानते हैं एक सही शारीरिक मुद्रा आपको लंबा, पतला और सबसे महत्वपूर्ण बात, वह आपको आत्मविश्वासी दिखाती है? और फिर भी, साधारणत: आज भी हम में से ज्यादातर में सही मुद्रा में बैठने का अभाव है । कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है? आज की आधुनिक जीवन शैली में लंबे समय तक रीढ़ को झुकाकर रखने से यह तनावपूर्ण हो गई है। अभ्रमण्शील नौकरी, लंबे समय तक काम और उपकरणों का अत्यधिक उपयोग हमारे शरीर को क्न्धों से झुका हुआ कमजोर मुद्रा से कौन आहत होता है? और कूबडा बनाते हैं।

हमारी कार्यप्रणाली इतनी बिगड चुकी है कि हम बैठना, चलना और सोने का तरीका तक भूल जाते हैं! और यही कारण है कि हम शरीर के विभिन्न भागों में दर्द के साथ अंतिम सांस लेते हैं। अपने खडे होने, बैठने और चलने के ढंग के प्रति सजग हो के, तथा नियमित रूप से कुछ आसन और योग मुद्राओं का अभ्यास करके, आप शारीरिक दर्द से छुटकारा पा सकते है।

एक सही मुद्रा क्या है? |What is a correct posture?

आपके शरीर को, सही मुद्रा में तब कहा जाएगा, जब यह इस तरह से गठित किया जाए कि पीठ सीधी हो, कंधे चौकस और आराम से, ठोड़ी सधी हुई, छाती बाहर, और पेट अन्दर हो। बस एक सीधी रेखा की तरह।

नियमित योग अभ्यास का पहला लाभ यह है कि यह जागरूकता लाता है। एक अच्छी मुद्रा के लिए अपनी शारीरिक क्षमता के बारे में जान समझ लेना आवश्यक है। ऎसे में जैसी अवस्था में आपका शरीर होगा, वैसे में योग आपकी मदद करेगा । सजगता के साथ निम्न आसनों(मुद्राओं) का अभ्यास करके अपने शरीर की स्थिती को सही करें।

गरुड़ मुद्रा

गरुड़ मुद्रा करने के लिए सबसे पहले दाईं हथेली को इस तरह रखें कि दोनों हाथों की उंगलियां एक-दूसरे को ढ़कें नहीं। 10 बार गहरी सांस लें और छोड़ें। अपने अपनी हथेलियों को नाभि पर लाएं, फिर 10 बार सांस ले और छोड़ें। अब ऐसा ही हथेलियों को सीने पर रखकर भी करें। आप इस प्रक्रिया को 4-5 मिनट तक दोहरा सकते हैं।

पाचन तंत्र में सुधार करने के लिए रोज मुद्रा करन के साथ ही प्राणायाम और योग करना भी जरूरी होता है। प्राणायाम करने से फेफड़े तो मजबूत बनते ही है, पाचन तंत्र भी मजबूत बनता है। रोजाना खाली पेट प्राणायाम करने से गैस, अपच, कब्ज और एसिडिटी से राहत मिलती है।

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प्रतिदिन सुबह जब आप जागते हैं, तब आपके स्वास्थ्य की स्थिति ही दिनचर्या निश्चित करती है। शरीर की कोई भी बीमारी हमारे उत्साह को कमजोर कर देती है और रोज के काम को ठीक से करने में दिक्कत लाती है। बहुत से योग आसन हैं जो आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार हैं। आपका मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है।

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