2022-23 में खाद्य, किराना खुदरा विक्रेताओं की आय 15-20 प्रतिशत बढ़ेगी: रिपोर्ट
मुंबई, 22 दिसंबर (भाषा) आवश्यक वस्तुओं की लगातार मजबूत मांग और संगठित क्षेत्र की बढ़ती पैठ के चलते भारत में संगठित खाद्य और किराना (एफएंडजी) कारोबारियों की आय वित्त वर्ष 2022-23 में 15-20 प्रतिशत तक बढ़ेगी। इक्रा ने एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड संबंधी पाबंदियों को हटाने, आवश्यक वस्तुओं की लगातार तेज मांग और खुदरा क्षेत्रों के नियमित विस्तार से आय में 15-20 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है।
इक्रा ने रिपोर्ट में आगे कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव के कारण परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 2022-23 में 5-6 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अच्छी आय और स्थिर कमाई की उम्मीद को देखते हुए इस क्षेत्र के लिए परिदृश्य स्थिर है।
इक्रा की उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख साक्षी सुनेजा ने कहा, ‘‘एफएंडजी क्षेत्र कोविड के प्रकोप के दौरान जुझारू बना रहा और वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में ही कोविड-पूर्व के स्तर पर वापस आ गया। उसके बाद से कमाई में स्वस्थ वृद्धि बनी हुई है।’’
क्यों भारत छोड़कर जा रहीं कुछ विदेशी कंपनियां. आखिर क्या है जो नहीं आ रहा पसंद?
होल्सिम, फोर्ड, केयर्न, दाइची सांक्यो और अब मेट्रो। ये कुछ ऐसे बड़े नाम हैं, जो या तो भारत छोड़कर चले गए हैं या पिछले एक दशक में इन्होंने अपने परिचालन को कम कर दिया है। बढ़ी हुई स्थानीय प्रतिस्पर्धा, वैश्विक बाजार की प्राथमिकताओं में बदलाव, व्यापार में घाटा और नए बिजनस मॉडल ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से कुछ मल्टीनेशनल कंपनियां (MNCs) भारत से बाहर हो गईं। जर्मन होलसेलर मेट्रो (Metro) 19 साल पहले बड़ी आशा के साथ भारत आई थी। अब इसने भारत में अपना बिजनस रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को बेच दिया है। मेट्रो ने कहा, 'भारतीय बाजार कई वर्षों से एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। व्यापार में कंसोलिडेशन आया है और होलसेल में भी डिजिटलकरण हुआ है। इस तेजी से होते बदलाव के साथ तालमेल बनाने और कंपनी की ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश आवश्यक होंगे।' मेट्रो के वैश्विक सीईओ स्टीफन ग्रेबेल ने एक बयान में कहा, 'हमने एक विकल्प चुना है, जो मेट्रो इंडिया के लिए एक नया अध्याय खोलेगा। हम मेट्रो इंडिया को एक ऐसे ग्रुप को सौंप रहे हैं जो इसे लंबी अवधि में इसे आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूती देगा।'
रिलायंस जैसे बड़े प्लेयर्स के पास जा रहा रिटेल कारोबार
नुवामा ग्रुप (Nuvama Group) के अवनीश रॉय ने मार्जिन स्तर क्या है? कहा, 'भारत में रिटेल तेजी से रिलायंस (Reliance) जैसे बड़े खिलाड़ियों के पक्ष में कंसोलिडेट हो रहा है।' उन्होंने कहा कि किराना व्यापारी भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। उनका कारोबार क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और दूसरे मॉडर्न ट्रेड प्लेयर्स के पास जा रहा है।
कम मार्जिन वाला कारोबार है बी2बी सेगमेंट
आठ साल पहले फ्रांस की कैरेफोर (Carrefour) ने भारत में अपने होलसेल आउटलेट बंद कर दिए थे। मार्जिन स्तर क्या है? विश्लेषकों का कहना है कि बी2बी सेगमेंट (कैश एंड कैरी) कम मार्जिन वाला कारोबार है। यही एक प्रमुख कारण है कि कैरेफोर जैसी अन्य मल्टीनेशनल कंपनियां भी भारत से बाहर हो गई हैं।
घट रही MNCs की बाजार हिस्सेदारी
घरेलू कंपनियों की मजबूत होती पकड़ के चलते भारत के विभिन्न सेक्टर्स में डायनेमिक्स चेंज हो रहे हैं। इसके साथ ही मल्टीनेशनल कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घट रही है। उदाहरण के लिए आप कंज्यूमर मोबाइल सर्विसेज के बिजनस और सीमेंट इंडस्ट्री को देख सकते हैं। स्विस दिग्गज होल्सिम (Holcim) द्वारा अपना भारतीय सीमेंट कारोबार अडानी (Adani) को बेचने के बाद इस सेक्टर में टॉप प्लेयर्स घरेलू कंपनियां हैं।
अपने बिजनस और कमर्शियल कारणों से देश छोड़ रहीं MNCs
जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर ललित कुमार ने कहा, 'बड़ी इंटरनेशनल कंपनियों का देश छोड़ना उनके बिजनस और कमर्शियल कारणों का हिस्सा है, ना मार्जिन स्तर क्या है? कि यह भारत में नियामक और कानूनी जरूरतों के चलते हो रहा है।' होल्सिम ने कहा था कि उसका भारत छोड़ना ग्रीन बिजनस पर फोकस करने के लिए था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों के भारत छोड़ने के पीछे कई कारण हैं। उनका बिजनस मॉडल मूल कंपनी के ग्लोबल बिजनस मॉडल के साथ मेल नहीं खा रहा था। मार्जिन कम हो रहा था। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी कंपनियों का बिजनस बडे़ पैमाने पर प्रभावित हुआ।
Petrol Diesel Cheap: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, क्या कम होंगे तेल के दाम? पढ़ें
Petrol Diesel Cheap: वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट के बाद सरकार ने घरेलू उत्पादित कच्चे तेल के साथ-साथ डीजल और एटीएफ के निर्यात पर लगाए गए अप्रत्याशित लाभ कर को घटा दिया है। 15 दिसंबर के आदेश में कहा गया है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर लेवी को 4,मार्जिन स्तर क्या है? 900 रुपये प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। बता दें कि जमीन से पंप किए गए कच्चे तेल को परिष्कृत किया जाता है और पेट्रोल, डीजल और मार्जिन स्तर क्या है? एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है।
सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर को 8 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर और एटीएफ के विदेशी शिपमेंट पर 5 रुपये से 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। नई कर दरें 16 दिसंबर से प्रभावी हैं। कर की दर नवंबर से वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 14 प्रतिशत की गिरावट को शो करती है।
घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (यूएसडी 40 प्रति बैरल) अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था। तब से पेट्रोल पर निर्यात कर समाप्त कर दिया गया है। पिछले दो हफ्तों में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती है।
कोस्ट को लेकर समझे पूरी डिटेल्स
दिसंबर में भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की भराई औसतन 77.79 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि पिछले महीने यह 87.55 मार्जिन स्तर क्या है? अमेरिकी डॉलर थी। अक्टूबर में यह औसतन 91.70 डॉलर प्रति बैरल था। इसी तरह, डीजल की कीमत भी नवंबर के 123.18 डॉलर और अक्टूबर के 133.52 डॉलर से घटकर इस महीने 104.86 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है।
सरकार तेल उत्पादकों द्वारा 75-76 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से ऊपर मिलने वाली किसी भी कीमत पर होने वाले अप्रत्याशित मुनाफे पर कर लगाती है। ईंधन निर्यात पर लेवी दरार या मार्जिन पर आधारित है जो रिफाइनर विदेशी शिपमेंट पर कमाते हैं। ये मार्जिन मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत और लागत के बीच का अंतर है।
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आप लिखित टेक्स्ट और एक कागज के किनारे के बीच की दूरी को क्या कहते हैं?
Key Points
- लिखित टेक्स्ट और एक कागज के किनारे के बीच की दूरी को मार्जिन कहा जाता है।
- मार्जिन रिक्त स्थान होते हैं जो किसी डॉक्यूमेंट के शीर्ष, नीचे और बाएँ और दाएँ पक्ष को पंक्तिबद्ध करते हैं।
- वर्ड कई पूर्व-स्वरूपित विकल्पों को सूचीबद्ध करता है, लेकिन आप मार्जिन की सूची में सबसे नीचे "कस्टम मार्जिन" का चयन करके अपना मार्जिन भी बना सकते हैं।
Additional Information
एमएस वर्ड में प्रयुक्त महत्वपूर्ण शॉर्टकट कुंजी:
- चयनित सामग्री को क्लिपबोर्ड पर लेना - Ctrl+X
- चयनित सामग्री को क्लिपबोर्ड पर कॉपी करना - Ctrl+C
- क्लिपबोर्ड की सामग्री को रखना/ चिपकाना -Ctrl+V
- फ़ॉन्ट का आकार 1 अंक बढ़ाना.- Ctrl+]
- टेक्स्ट को केंद्र में लाना - मार्जिन स्तर क्या है? Ctrl+E
- टेक्स्ट को बाईं ओर लाना - Ctrl+L
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Last updated on Dec 2, 2022
The SSC (Staff Selection Commission) released its exam calendar on 6th July 2022. The candidates must note that the Delhi Police Constable Application Window will open on 2nd March 2023 and it will remain open till 31st मार्जिन स्तर क्या है? March 2023. The exam is scheduled to be held in the month of April-May 2023. Candidates can refer to the Delhi Police Constable Previous Year Papers to improve their preparation. The selected candidates will मार्जिन स्तर क्या है? get a salary range between Rs. 5,200 - Rs. 20,200.
क्रेयॉन मोटर्स ने ग्राहकों को वित्त समाधान प्रदान करने के लिए EzeTap by Razorpay के साथ किया साझेदारी
Crayon Motors EzeTap Partnership to Provide Finance Solution: भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चर ब्रांड क्रेयॉन मोटर्स ने ईवी इंडस्ट्री में एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम किया है। बीते दिन क्रेयॉन मोटर्स ने अपने ग्राहकों को वित्तीय समाधान प्रदान करने के लिए EzeTap by Razorpay के साथ पार्टनरशिप किया है। Crayon Motors के इस फैसले के बाद भारतीय ईवी इंडस्ट्री में एक और भूचाल आने वाला है।
इस पार्टनरशिप से ग्राहकों को क्या होगा फायदा?
इस न्यू पेमेंट मैथड के जरिए क्रेयॉन मोटर्स के खुदरा विक्रेताओं को अपने ग्राहकों से किसी भी मार्जिन स्तर क्या है? तरह का भुगतान स्वीकार करने के लिए स्मार्ट भुगतान समाधान की पेशकश की गई है। यह पूरे पैन इंडिया स्तर पर डीलरों के लिए काफी लाभकारी हो सकता है।
ग्राहकों को क्रेयॉन मोटर्स के इस फैसले के बाद काफी लाभ मिलने वाला है। ग्राहक पीओएस पर फाइनेंसिंग के अलावा कैश बैक और इंस्टेंट डिस्काउंट भी पा सकते हैं। आप अब इन सारी चीजों का फायदा उठा सकते हैं:
- Brand EMI Benefits
- Buy Now Pay Later Option (BNPL)
- Card Less EMI
- Cashback and Rewards
बिना कोई डेबिट या क्रेडिट कार्ड ऋण लेने में होगी आसानी
अब ग्राहकों को बिना कोई डेबिट या क्रेडिट कार्ड की आवश्यकता के ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। क्रेयॉन मोटर्स के इस पार्टनरशिप के बाद खुदरा विक्रेताओं को बीएनपीएल (Buy Now Pay Later) के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स को और ज्यादा बेचने में मदद मिलेगी और ऑनलाइन बढ़ रहे इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रतिस्पर्धा को भी काम करने में मदद करेगा।इससे खुदरा विक्रेताओं के राजस्व और प्रॉफिट मार्जिन में वृद्धि देखने को मिलेगी।
क्रेयॉन मोटर्स डायरेक्टर का क्या है कहना
क्रेयॉन मोटर्स के निदेशक श्री राहुल जैन ने कहा, “हमने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर के लॉन्च के बाद, ग्राहकों को सहायता के लिए बैटरी स्वैपिंग सॉल्यूशन का भी इंतजाम किया और अब ग्राहकों को वित्तीय समाधान में भी काफी मदद मिलेगी। हमारा यह मानना है कि यह भारत में ईवी को बढ़ावा देने की दिशा में परफेक्ट योगदान है।
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From (Patna, Bihar) Rahul is the founder of blog Ecovahan. Computer Science Engineer and Passionate Blogger. संकल्प करें इलेक्ट्रिक चुनें
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