मार्केट में मुख्य रूप से तीन इंडेक्स फंड होते है। पहला सेंसेक्स इंडेक्स फंड होता है, जो बीएसई सेंसेक्स को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में ट्रैक करते हैं और उसकी 30 कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करते हैं, जिसमें ईटीएफ मौजूद होते हैं। दूसरा निफ्टी इंडेक्स फंड है जो एनएसई निफ्टी को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में ट्रैक करते हैं और उसकी 50 कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। इसके अलावा निफ्टी जूनियर इंडेक्स फंड होता है जो एनएसई निफ्टी की छोटी कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं।

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क्‍या होता है इंडेक्स फंड जो मार्केट की गिरावट में भी देता है मोटी कमाई का मौका, ऐसे लगाएं इसमें पैसा

म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन किसी कंपनी विशेष के शेयरों पर नहीं बल्कि पूरे इंडेक्स से रिटर्न तय होता है। हालांकि Nifty 50 या Sensex में जिस तरह से प्रदर्शन होगा इसी तरह इंडेक्स फंड के निवेश से रिटर्न मिलता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। स्टॉक मार्केट में फिलहाल उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है और इन्वेस्टर भी अपना इन्वेस्ट किया हुआ पैसा डूबने के डर से मार्केट से बाहर निकाल रहे हैं। एक्‍सपर्ट के मुताबिक, ऐसे वक्त में बहुत सारा संयम रखना चाहिए और बाजार से रिटर्न पाने के अन्‍य ऑप्शन को भी जानना चाहिए। बता दें कि गिरावट के समय में जो इन्वेस्टर इक्विटी में अपना पैसे लगाने से डरते है, तो उनके लिए इंडेक्स फंड सुरक्षा के साथ एक बड़े रिटर्न का मौका बन सकता है। साथ ही, पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स इसमें कैसे और कितना इन्वेस्ट करना चाहिए, तो इसको लेकर एक्सपर्ट से सलाह आप ले सकते है। हालांकि, इंडेक्स फंड वास्तव में पूरे ही एक्‍सचेंज से जुड़ा होता है, जिसमें कई कंपनियों के स्टॉक भी शामिल होते हैं।ऐसे में अगर कोई एक स्‍टॉक में नुकसान हो रहा है तो दूसरा उसकी भरपाई कर सकते है।

इंडेक्स से तय होता रिटर्न

बता दें कि म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन किसी कंपनी विशेष के शेयरों पर नहीं, बल्कि पूरे इंडेक्स से रिटर्न तय होता है। हालांकि, Nifty 50 या Sensex30 जिस तरह से प्रदर्शन होगा इसी तरह इंडेक्स फंड के निवेश से रिटर्न मिलता है। वहीं, किसी इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होती है, उसी अनुपात में उनके शेयर भी खरीदे जाते हैं। इससे रिटर्न का रिस्क किसी एक कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रह जाता है। इंडेक्स फंड पैसिव तरीके से मैनेज होते है, इसलिए एक्टिव तरीके भी मैनेज किए जाने वाले फंड के मुकाबले इन पर कम से कम खर्च आता है। इसमें इन फंडों का कुल खर्च का अनुपात बहुत कम हो होता है। मैनेज किए जाने वाले फंड इन्वेस्टर से 1 से 2 प्रतिशत तक चार्ज ले सकते हैं, जो लॉंग टर्म के लिए बहुत अधिक हो सकता है, जो आपके कुल रिटर्न पर भी असर हो सकता है। इंडेक्स फंड इन्वेस्टर का पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाई हो जाते है, जिससे पैसा डूबने का कम से कम खतरा होता है।

Mutual Fund vs ETF: म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के बीच क्या अंतर है? निवेश के लिए बेहतर कौन?

Mutual Fund vs ETF: म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के बीच क्या अंतर है? निवेश के लिए बेहतर कौन?

इन दिनों म्युचुअल फंड (MF) और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश के लिहाज से बेहतर माने जा रहे है। इसलिए इस पोस्ट में हम समझेंगे कि ETF और म्यूच्यूअल फंड क्या है? और दोनों में अंतर क्या है?

Mutual Fund vs ETF: काम करो, कमाओ, खर्च करो और दोहराओ। यह वर्तमान दुनिया में अधिकांश लोगों के जीवन चक्र की एक बहुत ही सरल रूपरेखा है। लेकिन इस रूपरेखा में एक महत्वपूर्ण घटक गायब है जो जीवन के कुछ लक्ष्यों यानी निवेश को प्राप्त करने के लिए जरूरी है। लोग अलग-अलग उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अपने पैसे को विभिन्न उपकरणों और विकल्पों में निवेश करते हैं। जबकि कुछ निवेश को केवल वेल्थ क्रिएशन और मनी मैनेजमेंट के साधन के रूप में देख सकते हैं, अन्य इसे रिटायरमेंट फंड के निर्माण के दृष्टिकोण से देखते हैं। कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन अंतिम खेल अपनी मेहनत की कमाई का उपयोग करके अधिक पैसा कमाना है।

क्‍या होता है इंडेक्स फंड जो मार्केट की गिरावट में भी देता है मोटी कमाई का मौका, ऐसे लगाएं इसमें पैसा

म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन किसी कंपनी विशेष के शेयरों पर नहीं बल्कि पूरे इंडेक्स से रिटर्न तय होता है। हालांकि Nifty 50 या Sensex में जिस तरह से प्रदर्शन होगा इसी तरह इंडेक्स फंड के निवेश से रिटर्न मिलता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। स्टॉक मार्केट में फिलहाल पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है और इन्वेस्टर भी अपना इन्वेस्ट किया हुआ पैसा डूबने के डर से मार्केट से बाहर निकाल रहे हैं। एक्‍सपर्ट के मुताबिक, ऐसे वक्त में बहुत सारा संयम रखना चाहिए और बाजार से रिटर्न पाने के अन्‍य ऑप्शन को भी जानना चाहिए। बता दें कि गिरावट के समय में जो इन्वेस्टर इक्विटी में अपना पैसे लगाने से डरते पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स है, तो उनके लिए इंडेक्स फंड सुरक्षा के साथ एक बड़े रिटर्न का मौका बन सकता है। साथ ही, इसमें कैसे और कितना इन्वेस्ट करना चाहिए, तो इसको लेकर एक्सपर्ट से सलाह आप ले सकते है। हालांकि, इंडेक्स फंड वास्तव में पूरे ही एक्‍सचेंज से जुड़ा होता है, जिसमें कई कंपनियों के स्टॉक भी शामिल होते हैं।ऐसे में अगर कोई एक स्‍टॉक में नुकसान हो रहा है तो दूसरा उसकी भरपाई कर सकते है।

इंडेक्स से तय होता रिटर्न

बता दें कि म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन किसी कंपनी विशेष के शेयरों पर नहीं, बल्कि पूरे इंडेक्स से रिटर्न तय होता है। हालांकि, Nifty 50 या Sensex30 जिस तरह से प्रदर्शन होगा इसी तरह इंडेक्स फंड के निवेश से रिटर्न मिलता है। वहीं, किसी इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होती है, उसी अनुपात में उनके शेयर भी खरीदे जाते हैं। इससे रिटर्न का रिस्क किसी एक कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रह जाता है। इंडेक्स फंड पैसिव तरीके से मैनेज होते है, इसलिए एक्टिव तरीके भी मैनेज किए जाने वाले फंड के मुकाबले इन पर कम से कम खर्च आता है। इसमें इन फंडों का कुल खर्च का अनुपात बहुत कम हो होता है। मैनेज किए जाने वाले फंड इन्वेस्टर से 1 से 2 प्रतिशत तक चार्ज ले सकते हैं, जो लॉंग टर्म के लिए बहुत अधिक हो सकता है, जो आपके कुल रिटर्न पर भी असर हो सकता है। इंडेक्स फंड इन्वेस्टर का पोर्टफोलियो काफी डाइवर्सिफाई हो जाते है, जिससे पैसा डूबने का कम से कम खतरा होता है।

Mutual Fund Investment : इंडेक्स फंड या ईटीएफ, किसमें निवेश हैं आपके लिए ज्यादा फायदेमंद

investment

  • इंडेक्स फंड (index Fund) में निवेश के लिए निवेशक के पास डीमैट अकाउट होना जरूरी नहीं है।
  • ईटीएफ (ETF) की खरीद-बिक्री स्टॉक एक्सचेंज पर होती है, जिससे इसकी कीमत बदलती रहती है।
  • इंडेक्स फंड की नेट एसेट वैल्यू (net asset value) रोजाना कारोबार के बाद तय होती है।

निवेशक जब इंडेक्स फंड (index fund) में निवेश करता है या अपनी यूनिट्स बेचता है तो उसकी कीमत नेट पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स एसेट वैल्यू (Net Asset Value) पर आधारित होती है। एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Asset Management Company) रोजाना पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स कारोबार के अंत में यूनिट्स की एनएवी घोषित करती है। इसके उलट ईटीएफ की कीमत शेयर बाजार में सूचीबद्ध शेयरों की तरह होती है। बाजार में लिक्विडिटी और मांग और सप्लाई (demand and supply) के आधार पर उसकी कीमत तय होती है। इसलिए उसकी कीमत एनएवी के मुकाबले प्रीमियम पर या डिस्काउंट पर हो सकती है। इसलिए बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर ईटीएफ की कीमत और इंडेक्स के स्तर में अंतर दिख सकता है।

Index fund Vs Mutual fund: निवेश के उद्देश्य और रिटर्न

सीधे इक्विटी फण्ड में निवेश करने से अच्छा और आसान है की आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करे. म्यूच्यूअल फण्ड में शेयर की कीमतों पर निगरानी रखने की आवश्यकता कम होती है और इसके अधिक प्रकार भी है जिससे इसमें जोखिम कम होता पैसिव फंड्स बनाम एक्टिव फंड्स है.

जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने जायेंगे तो आपके सामने बहुत से विकल्प मौजूद होंगे। ऐसे समय पर आपको सही विकल्प चुनने के लिए सही समझ की आवश्यकता होती है.

इंडेक्स फण्ड और म्यूच्यूअल फण्ड के बिच अंतर् जानने के लिए आपको म्यूच्यूअल फण्ड के दो रूपों से परिचित होना चाहिए- पैसिव सिस्टम और एक्टिव सिस्टम।

पैसिव सुप से प्रबंधित म्यूच्यूअल फण्ड का एक उदहारण इंडेक्स फण्ड है. इंडेक्स फण्ड और म्यूच्यूअल फण्ड के बिच में मुख्य अंतर् लागत, निवेश उद्देश्य और प्रबंधन है.

इंडेक्स फंड क्या हैं?

इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्यूच्यूअल फण्ड या ETF फण्ड है जिसका पोर्टफोलोयो फिनांशल मार्केट से मेल खाने या ट्रैक् करने के लिए तैयार किया गया है.

जब अपिन्डेक्स फण्ड मे पैसा लगते है तब आपके पैसा का उपयोग उन सभी कंपनियों में निवेश करने के लिए किया जाता है जो इंडेक्स बनाती है. यह आपके अलग-अलग स्टॉक खरीदने की तुलना में अधिक विविध पोर्टफोलियो प्रदान करती है.

म्यूचुअल फंड क्या हैं?

म्यूच्यूअल फंड एक पैसो का पुल है जो पेशेवर फण्ड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है. यह एक ट्रस्ट है जो निवेशक से पैसे लेकर उन पैसो को एकत्रित करता है और इन पैसो को इक्विटी, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और/या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करता है.

1.निवेश और प्रबंधन की शैली

म्यूच्यूअल फण्ड और इंडेक्स फण्ड में पहला मुख्य अंतर यह ही की यह फंड निर्धारण और प्रबंधन करता है. सक्रीय रूप से प्रबंधित म्यूच्यूअल फंड के संपन्तियो के संयोजन और अनुपात को तय करने के लिए एक फण्ड मैनेजर की जरुरत पड़ती है.

दूसरी ओर इंडेक्स फण्ड निष्क्रिय रूप से प्रबंधित होते है ,ये फंड लोकप्रिय बेंचमार्क को ट्रैक करते है और और सामान अनुपात में समान यूनिट में निवेश करते है जैसे की Nifty 50 .

2.प्रदर्शन

म्यूच्यूअल फंड जो सक्रिय रूप से प्रबंधित होते है जो विशेष रूप से इक्विटी केंद्रित मार्केट से बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयाश करते है. इन फंड्स ने अच्छा प्रदर्शन किया और विभिन्न व्यवसाय मार्केट में गिरावट के दौरान भी एक रिटर्न दिया है.

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