Safemoon crypto क्या है Safemoon crypto price 2022 ?
आज मार्किट में हर रोज क्रिप्टोकरेंसी ( Safemoon crypto) लॉन्च की जा रही है बहुत से बॉलीवुड के अभिनेता भी अपने नाम से क्रिप्टो को लॉन्च करके इस मार्किट में उतर रहे है क्रिप्टोकरेंसी के अविस्वासनिये return को देखकर बहुत से नौजवान भी इस मार्किट की तरफ आकर्षित हो रहे है
Bitcoin ने इस दुनिया के लेनदेन को बदल कर ही रख दिया है लेकिन इस मार्किट में बहुत सी अच्छी क्रिप्टो के साथ साथ बहुत घोटाले भी देखे जाते है अब हम यह कैसे निर्णय करे की यह क्रिप्टो सुरक्षित है या नहीं.
आपके इन्ही सवालों के जवाब हम आज की इस पोस्ट में देने वाले है इन सवाल जवाब के साथ साथ हम Safemoon coin के बारे में भी जानेंगे इस पोस्ट में हम इस टोकन के इतिहास तथा संस्थापक के बारे में जानेंगेतो अगर आप भी सम्पूर्ण जानकारी चाहते है तो पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा.
Safemoon crypto क्या है
Safemoon कॉइन ने क्रिप्टो मार्किट में 2021 में कदम रखा था इस कॉइन ने लॉन्च होने के कुछ महीनों के बाद ही लोगो को बहुत अच्छा return दिया था क्युकी 2021 की तिमाही में ही इस कॉइन के 2.9 मिलियन से भी अधिक धारक हो चुके थे
यह कॉइन व्यापारियों के लिए बहुत असरदार साबित हुआ है क्युकी इन्वेस्टर समय के साथ निश्चित पुरस्कार अर्जित करते है safemoon कॉइन की योजना एक Non-fungible टोकन NFT एक्सचेंज विकषित करने की है इसके साथ ही यह कॉइन एक क्रिप्टो शिक्षिक अप्प भी बनाएगा जिस से आम लोगो को क्रिप्टो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी.
Safemoon crypto की क़ीमत कितनी है
Jhon Croni इस Safemoon कॉइन कद सस्थापक है
क्युकी यह कॉइन अभी ज्यादा न्या है इसलिए इस कॉइन का कुछ ज्यादा ख़ास इतहास नहीं है इस कॉइन के लॉन्च होते ही इसकी कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला था इसकी क़ीमत 2021 की मई के बाद बहुत ज्यादा गिर गयी थी
Coinmarket क्लब के अनुसार Safemoon coin की current supply $1 बिलियन के करीब है इस कॉइन की rank 210 वे स्थान की है इस क्रिप्टो में निवेश करना बुरा तो नहीं लेकिन नई क्रिप्टो होने के कारण इसे एक अच्छा निवेश भी नहीं माना जा सकता
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अगर आप भी Safemoon की तरफ आकर्षित हुए है और इस कॉइन में ट्रेडिंग करना चाहते है तो निचे कुछ एक्सचेंज के नाम दिए है जिनकी मदद से आप safemoon कॉइन में इन्वेस्ट और ट्रेड कर सकते है.
Binance
Whitebit
Bitmart
PancakeSwap
Advantage Of Safemoon Coin
Safemoon Coin अपने इन्वेस्टर को कॉइन hold करने के लिए नए नए पुरस्कार से समानित किया जाता है यह कॉइन 3 सरल कार्यो के साथ काम करता है प्रतिबिम्ब एल्पी अधिग्रहण और बर्न
प्रतिबिम्ब :
इस पुरस्कार को स्थिर पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है इस तरह के पुरस्कार बाकी के खनन पुरस्कारो से अलग होते है
इसे हम एक उदाहरण की मदद से समझते है जैसे बिटकॉइन और एथरियम जैसी क्रिप्टो के शुरुवाती समय में जिन लोगो ने इन क्रिप्टो को hold करके रखा या जिन लोगो ने विश्वास करके इन क्रिप्टो को शुरुवात में अपना लिया था उन्हें खनन प्रयासो के लिए अधिक पुरस्कार दिए गए थे
क्युकी इन इनाम का मूल्य समय के साथ साथ कम होता चला जाता है इस कथन से यह साबित होता है की कॉइन को शुरुवात में अपनाने वालों के पास कॉइन भी अधिक मात्रा में होते है और इन्हे इनाम भी बहुत ही अच्छे रूप में मिल जाते है.
एल्पी अधिग्रहण :
इसमें एक स्वेत पत्र शामिल होता है इस पत्र में उपलब्ध फंक्शन Buyers और Sellers दोनों के लिए ढ़ोस मंजिल बनता है Safemoon अपनी आसमानता को कॉइन के बेचने वाले दंड पर लगाता है हर लेनदेन के लिए हरेक एक्सचेंज 10% शुल्क लेता है शुल्क का कुछ हिस्सा मोके पर उपस्थित लोगो के बिच में विभाजित हो जाता है जिसे से बहुत से इन्वेस्टर अपने टोकन्स को बेच नहीं ओते इस योजना के इस पत्र के अनुसार लक्ष्य बड़ी गिरावट से कॉइन को बचाना hai
मैन्युअलय बर्न
बहुत से कॉइनस को इस process से गुजरने पड़ता यह process कॉइन को प्रचलन से स्थायी रूप से. हटा देई है इस process से बड़ी हुई कमी और मूल्य पैदा करने का प्रयास है किसी भी कॉइन के शुरुवात से ही कॉइन को बर्न किया जाता है
लेकिन Safemoon बर्न process की बजाये मैन्युअलय बर्न प्रिक्रिया का उपयोग करता है अर्थात की यह process जो इन्वेस्टर कॉइन को लम्बे समय के लिए hold करके रखना चाहते है तो उन्हें यह process बहुत ही ज्यादा असरदार साबित होंगी
Safemoon coin mein invest kre ya nhi.?
किसी भी नई क्रिप्टो के लिए यह बात साबित करना बहुत ही मुश्किल का काम हैकी क्या वह सुरक्षित है या नहीं बहुत से लोगो ने इस कॉइन पर. विश्वास करके अपने पैसो को इन्वेस्ट किया तो बहुत से लोगो ने इस कॉइन पर अपनी चिंताये दर्शाई.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की आने वाले समय में इस कॉइन के इन्वेस्टर की संख्या में वृद्धि होंगी क्युकी इसके वॉलेट का बहुत ज्यादा इस्तमाल हो रहा है एक रिपोर्ट के अनुसार Google Play Store पस इस वॉलेट के यूजर की जनसख्या 100000 से भी ज्यादा अधिक है Safemoon ने ट्वीट करते हुए लिखा की नवंबर तक इन प्लेटफॉर्म्स पर 600000 बार डाउनलोड हो चूका होगा
Conclusion
आज की पोस्ट में हमने Safemoon कॉइन के बारे में जाना अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो pls शेयर जरूर करना.
cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।
क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।
जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।
मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी भी उनमे से एक है जो मुद्रा का एक रूप है । और जो पैसे के रूप में कार्य करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जा रहा है।
इससे डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है। और यह इस प्रकार कार्य कर रहा है।
1. विनिमय का एक माध्यम के रूप मे
2. खाते की एक इकाई के रूप मे
3. मूल्य का भंडारके रूप मे लेकिन कानूनी निविदा की स्थिति इसमे नही है।
इसको अलग अलग लोंगों के द्वारा इस प्रकार से देखा गया है।
बिल गेट्स के अनुसार
“बिटकॉइन एक तकनीकी माध्यम है जो टूर डी फोर्स हो सकता है।”
टायलर विंकलेवोस (जो की फेसबुक के सह-आविष्कारक)है उनके अनुसार –
“हमने अपना पैसा और विश्वास एक गणितीय ढांचे में लगाने के लिए इसका चुनाव किया है। जो राजनीति और मानवीय त्रुटि से मुक्त है।”
अल गोर (अमेरिका के 45वें उपराष्ट्रपति) के अनुसार –
मैं बिटकॉइन का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। इसका अर्थ यह है कि बिटकॉइन ब्रह्मांड एक एल्गोरिथ्म सरकार के कार्यों को बदल देता है। यह बहुत अच्छा है।
पीटर थिएल (पेपैल के सह-संस्थापक)के अनुसार –
“मुझे लगता है कि बिटकॉइन में दुनिया को बदलने की क्षमता है।”
जॉन मैक्एफ़ी के अनुसार –
आप बिटकॉइन को नहीं रोक सकते। यह हर जगह उपलब्ध होगाऔर इससे दुनिया को फिर से समायोजित करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे –
क्रिप्टोकरेंसी को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौगोलिक बाधा नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी सस्ता, सुरक्षित, तेज मुद्रा है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान-
क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है।
क्रिप्टोकरेंसीलेनदेन मे अपरिवर्तनीय हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अवैध गतिविधि या डार्क वेब में हो रहा है।
ब्लॉक श्रृंखला पर निर्धारित –
यह एक ऐसी गतिविधि है जहां व्यक्ति अपनी कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करके एक परेशान करने वाले 64-अंकीय हेक्साडेसिमल समीकरणों, पहेलियों और हैश के रूप में ज्ञात कोड को हल करने के लिए करता है। क्रिप्टोकरेंसी एक माध्यम है जिसमे लेनदेन को एक ब्लॉक श्रृंखला पर सत्यापित और मान्य किया जाता है। इससे एक नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।
पहले बैंक था जो मुद्रा के रूप मे निवेश का माध्यम हुआ करता था। अब क्रिप्टोकुरेंसी के साथ लेनदेन सत्यापित करने के लिए कोई मध्यस्थ नहीं बचा है। दुनिया भर में ऐसे हजारों लोग हैं जो अपने लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वहां मौजूद हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता-
भारत मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री को प्रतिबंधित करता है। यहा पर यह परिसंपत्ति वर्ग है जहां कोई भी निवेश कर सकता है। लेकिन यहा पर इसको कानूनी निविदा नहीं माना जाता है।
भारत मे कोई भी तकनीकी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकता। क्योंकि इसमे किसी भी केंद्रीकृत पार्टी आदि का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है।
भारत मे पिछले कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका एक मुद्रा के रूप में कम हो गईथी जो अब फिर से बढ़ गयी है। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा है। यह सोने की तरह एक परिसंपत्ति वर्ग की तरह विकसित हो रहा है।
अब दुनिया मे यह तेजी से विकसित हो रही है। दुनिया के किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। और आगे ईआई सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा भी दे दिया है।
भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर कर के प्रभाव और इसका स्वरूप –
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर योग्यता की स्थिति के बारे में 23 मार्च 2021 को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था की जिसमें कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 के अनुसार यह कुल आय से एक व्यक्ति की सभी आय होगी। और इसके सभी स्रोत चाहे कानूनी हों या नहीं और , कोई भी व्यावसायिक गतिविधि जो क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति से संबंधित हैउस पर जब तक कि विशेष रूप से छूट प्रदान न किया गया हो माल और सेवा कर के तहत कर योग्य है।
और इसी तरहसे “किसी भी सेवा की आपूर्ति यदि विशेष रूप से छूट प्रदान नही की गयी है तो वह जीएसटी के तहत कर योग्य है । और क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज से संबंधित किसी भी सेवा को छूट नहीं दी गई हैइसलिए यह भी कर योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। और यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के हितों की रक्षा जिसमे हो उसको लागू किया जाए। आरबीआई भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा पर भी काम कर रहा है। और सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति की भी गठन किया गया है। जहां पर सचिवों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (24) में आय की परिभाषाइस प्रकार से दी गयी है। जिसमे ‘आय’ शब्द ‘लाभ’ या ‘लाभ’ तक सीमित नहीं है। जबकि इस परिभाषा का उद्देश्य ‘आय’ के अर्थ को सीमित करना नहीं है बल्कि आय के स्त्रोत को चौड़ा करना है। भले ही एक रसीद परिभाषित किसी भी खंड के दायरे में क्यो नहीं आती है। फिर भी यह आय की प्रकृति का एक हिस्सा हो सकती है। जब तक कि स्पष्ट रूप से छूट न दी गयी हो।
यदि डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज से संबंधित सवाल जवाब को मुद्रा के रूप में माना जाता है। तो यह आयकर अधिनियम के अनुसार कर के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होगा। परंतु इसका प्राकृतिक अर्थ और न ही आईटी अधिनियम की धारा 2(24) में आय के रूप में क्रिप्टोकुरेंसी ‘पैसा’ या ‘मुद्रा’ मे शामिल किया गया है। हालांकि इसमें ‘मौद्रिक भुगतान’ शामिल है।
पीएम मोदी ने Cryptocurrency को लेकर जताई चिंताए, क्या गलत हाथों में जाने का है डर?
PM Modi Warns On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी यूँ तो दुनिया के कई हिस्सों में आधिकारिक रूप से अपनी जगह बनाने लगी हैं, लेकिन भारत में इसके भविष्य को लेकर अभी भी संशय बरकरार ही है। और ये मुद्दा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हालिया बयान के बाद फिर से गरमा गया है।
असल में बीते दिनों हुए ‘द सिडनी क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज से संबंधित सवाल जवाब डायलॉग’ में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ चिंताए व्यक्त की हैं।
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जी हाँ! अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का जिक्र करते हुए कहा कि सभी लोकतांत्रिक देशों को ये अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि ये नई डिजिटल करेंसी किसी भी तरीक़े से गलत हाथों में न जानें पाए।
पर प्रधानमंत्री की क्रिप्टो को लेकर सिर्फ़ यही चिंता नहीं थी, बल्कि उन्होंने आगे ये भी कहा कि ये चीज़ हमारे युवाओं को बर्बाद भी कर सकती है।
साथ ही अपने भाषण में पीएम मोदी ने डेटा को आज के डिजिटल युग में सबसे अहम दर्जा देते हुए कहा कि भारत ने लोगों की डेटा प्राइवेसी संबंधित सुरक्षा के लिए मजबूत ढांचा बनाया है।
PM Modi Warns On Cryptocurrency
प्रधानमंत्री के अनुसार डेटा सुरक्षा पके ज़रिए लोगों के सशक्तीकरण का काम किया जा सकता है। उनके अनुसार डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया है, साथ ही इस युग में शासन, नीति, कानूनों, अधिकारों और सुरक्षा को लेकर कुछ नए सवाल और चुनौतियाँ भी सामने आएँ हैं।
आप सोच रहें होंगे की भारत जैसे इतने बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री का किसी नई तकनीक को लेकर ये बयान लाज़मी है और इसको साधारण रूप से देखे जाने की ज़रूरत है।
लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि इस बयान के अपने कुछ मायने हो सकते हैं। ग़ौर करने वाली बात ये है कि यह बयान ऐसे वक़्त में आया हिया जब कुछ ही दिनों पहले पीएम मोदी ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को तय करने की दिशा में एक बैठक की थी।
और इस बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि ‘सरकार ये तो मानती है कि यह एक विकसित तकनीक है, और इसलिए इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इस दिशा में कोई सार्थक कदम उठाया जा सकता है। बैठक में कथित रूप से इस बात पर भी सहमति बनती नज़र आई कि सरकार द्वारा क्रिप्टो को लेकर उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरदर्शी होंगे।
इतना ही नहीं बल्कि कुछ ही दिनों पहले वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज व इस क्षेत्र से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई, जिसमें देश के भीतर क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलूओं पर विचार किया गया।
दिलचस्प रूप से साथ ही एक संसदीय समिति की ओर से हाल में ये भी कहा गया है कि क्रिप्टो एक उभरती तकनीक है, जिसको रोका नहीं जा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज से संबंधित सवाल जवाब सकता है, लेकिन देश में इसको लेकर रेगुलेशन आदि चीज़ों की ज़रूरत है।
क़यास ये भी लगाए जा रहें हैं कि आने वाले शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और इस बिल को तभी संसद पटल पर पेश किया जा सकता है।
पर देखना ये होगा कि सरकार का क्रिप्टो तकनीक को लेकर अंतिम रूख क्या रहता है और देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और ट्रेड कितना आसान बनता है?
हांगकांग: पनटेरा-समर्थित कॉइनसुपर ने जमे हुए उपयोगकर्ताओं के फंड के साथ सवाल उठाए
क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग के समर्थकों को एक और निराशाजनक खबर मिल सकती है। कथित तौर पर, हांगकांग स्थित क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज के उपयोगकर्ता पिछले साल से धन निकालने में असमर्थ हैं। कई लोग अब मानते हैं कि एक और घोटाला साये में छिपा हो सकता है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, कॉइनसुपर एक्सचेंज के कई उपयोगकर्ता नवंबर के बाद से अपने फंड को पुनः प्राप्त नहीं कर पाए हैं रिपोर्ट good फर्म के आधिकारिक टेलीग्राम चैट पर संदेशों का हवाला देते हुए। उनमें से कम से कम सात ने पुलिस को मामले की सूचना दी है। वास्तव में, उनमें से पांच संयुक्त रूप से $ 55,000 की क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज से संबंधित सवाल जवाब धनराशि का उपयोग करने में असमर्थ थे। जवाब में, हांगकांग पुलिस कथित तौर पर मामले की समीक्षा कर रही है।
कॉइनसुपर के लिए, इसके टेलीग्राम चैनल के प्रशासकों ने नवंबर के अंत में जमे हुए धन के बारे में प्रश्नों का उत्तर देना बंद कर दिया। और, प्रभावित लोगों की ई-मेल आईडी मांगने के लिए एक बार फिर से सामने आने के अलावा, तब से प्रशासकों क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज से संबंधित सवाल जवाब की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक्सचेंज ने परवाह किए बिना परिचालन जारी रखा था, ए . के साथ व्यापार की मात्रा पिछले 24 घंटों में $ 10 मिलियन से अधिक। हालाँकि, यह इस समय के दौरान दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज बिनेंस द्वारा किए गए 11.9 बिलियन डॉलर से अधिक के व्यापार के एक छोटे से अंश के रूप में सामने आता है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, यह 2019 में कॉइनसुपर के सुनहरे दिनों से बहुत दूर है, जब यह प्रतिदिन लगभग 1.3 बिलियन डॉलर के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता था।
यह उस समय के आसपास भी था जब एक्सचेंज ने 2019 की शुरुआत में अपना नवीनतम फंडिंग दौर पूरा किया था। भले ही, इसे प्रमुख हेज फंड पनटेरा कैपिटल का समर्थन प्राप्त है, जो अभी भी अपनी वेबसाइट पर कॉइनसुपर को एक पोर्टफोलियो कंपनी के रूप में सूचीबद्ध करता है।
जैसा कि ब्लूमबर्ग ने खुलासा किया कि अन्य निवेशकों को भी कुछ शर्मिंदगी महसूस हुई है, कॉइनसुपर के उद्यम पूंजी समर्थकों में से एक ने एक्सचेंज में अपने पूरे $ 1 मिलियन निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया था। यह कुछ महीने पहले फर्म के एक्सचेंज की प्रबंधन टीम से संपर्क टूटने के बाद हुआ था और इसके सीईओ ने वीचैट पर प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया था।
हांगकांग की कंपनी रजिस्ट्री के अनुसार, विशेष रूप से, कई कर्मचारियों ने जुलाई और दिसंबर के बीच एक्सचेंज छोड़ दिया है। चेन ने खुद 2019 में सीईओ के रूप में पद छोड़ने का दावा किया है, जबकि अभी भी सबसे बड़ा व्यक्तिगत शेयरधारक बना हुआ है।
यह ध्यान देने योग्य है कि एक्सचेंज से संबंधित घटनाक्रम आगे नियामक कार्रवाई को प्रेरित कर सकता है। हांगकांग पहले से ही क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है आगामी नियामक विधेयक. हालांकि, यह वर्तमान में एक्सचेंजों के लिए ऑप्ट-इन नियामक मॉडल का उपयोग करता है जहां वे विनियमित होना चुन सकते हैं। मजे की बात यह है कि कड़े दिशानिर्देश कई लोगों को ऐसा करने के लिए हतोत्साहित करते हैं।
जबकि कॉइनसुपर के लापता होने के पीछे की वास्तविकता का खुलासा होना बाकी है, जिन्होंने अन्य एक्सचेंजों को धन खो दिया है, वे भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। होने के बाद हैक की गई पिछले साल दिसंबर में $200 मिलियन की राशि, प्रमुख क्रिप्टो-एक्सचेंज बिटमार्ट के पास थी वादा किया अपने स्वयं के धन के माध्यम से खोए हुए निवेश की प्रतिपूर्ति करने के लिए।
सीएनबीसी ने अब की सूचना दी लगभग पांच सप्ताह बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को इस प्रक्रिया के बारे में उचित अपडेट प्राप्त नहीं हुए हैं, उनके खोए हुए धन की तो बात ही छोड़ दीजिए।
2 जी घोटाले से संबंधित मामलों के लिए केंद्र सरकार ने विशेष लोक अभियोजक के रूप में किसे नियुक्त किया है?
Key Points
- तुषार मेहता भारत में एक वरिष्ठ वकील हैं और वर्तमान में भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य कर रहे हैं।
- मेहता ने 1987 में एक वकील के रूप में अपना कैरियर शुरू किया और 2007 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।
- उन्हें 2008 में महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था।
- केंद्र ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया है।
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Last updated on Dec 13, 2022
The RRB Group D Results & Cut-Off declared on 22nd December 2022! The exam was conducted from 17th August to 11th October 2022. The RRB (Railway Recruitment Board) is conducting the RRB Group D exam to recruit various posts of Track Maintainer, Helper/Assistant in various technical departments like Electrical, Mechanical, S&T, etc. The selection process for these posts includes 4 phases- Computer Based Test Physical Efficiency Test, Document Verification, and Medical Test.
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