2. स्टॉक एक्सचेंज की एक और विशेषता यह है कि केवल सूचीबद्ध कंपनियां ही व्यापार में संलग्न हो सकती हैं।
शेयर बाजार क्या है और बाजार कैसे काम करता है? | What is Stock Market in Hindi? | How the Stock Market Works in Hindi? |
स्टॉक मार्केट शब्द कई एक्सचेंजों को संदर्भित करता है जिसमें सार्वजनिक रूप से आयोजित कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। इस तरह की वित्तीय गतिविधियां औपचारिक एक्सचेंजों के माध्यम से और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेस के माध्यम से आयोजित की जाती हैं जो नियमों के परिभाषित सेट के तहत काम करती हैं।
"स्टॉक मार्केट" और "स्टॉक एक्सचेंज" दोनों का उपयोग अक्सर परस्पर उपयोग किया जाता है। शेयर बाजार में व्यापारी एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयर खरीदते या बेचते हैं जो समग्र शेयर बाजार का हिस्सा हैं।
शेयर बाजार कैसे काम करता है?
जब आप एक सार्वजनिक कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी का एक छोटा सा टुकड़ा खरीद रहे हैं।
शेयर बाजार एक्सचेंजों के नेटवर्क के माध्यम से काम करता है - आपने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज या नैस्डैक के बारे में सुना होगा। कंपनियां प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश, या आईपीओ नामक प्रक्रिया के माध्यम से एक एक्सचेंज पर अपने स्टॉक के शेयरों को सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक उन शेयरों को खरीदते हैं, जो कंपनी को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए धन जुटाने की अनुमति देता है। निवेशक तब इन शेयरों को आपस में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश, स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो जान लें ये बेसिक बातें
शेयर मार्केट को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसमें पैसा लगाने से पहले इसको लेकर स्टडी करना और बेसिक बातों को जानना जरूरी है.
क्या होता है IPO और कैसे किया जाता है इसमें निवेश (Zee Biz)
बीते कुछ समय से शेयर मार्केट को लेकर क्रेज काफी बढ़ गया है. तमाम लोग इसमें पैसा इन्वेस्ट करते हैं और बेहतर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन शेयर मार्केट शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है को काफी रिस्की माना जाता है. ये जितनी तेजी से मुनाफा करवाता है, उतनी ही तेजी से शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है आपको पैसों का नुकसान भी करवा सकता है. इसलिए ये जरूरी है कि स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखने से पहले आप इसको लेकर स्टडी कर लें और कुछ बेसिक बातों को अच्छी तरह से जान लें.
क्या होता है IPO
आईपीओ का मतलब है Initial Public Offering. जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है आईपीओ. आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर को खरीद और बेच सकते हैं.
कंपनी के आईपीओ खरीदने वालों की कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है और कंपनी के पास फंड इकट्ठा हो जाता है. साधारण शब्दों में समझें तो आईपीओ को लाने के बाद उस कंपनी को चलाने वाला सिर्फ उसका मालिक या परिवार नहीं होता, बल्कि वो सभी निवेशक भी इसमें शामिल होते हैं जिनका पैसा उसके शेयर में लगा होता है. निवेशकों से आए फंड को कंपनी अपनी कंपनी की तरक्की और तमाम अन्य कामों में खर्च कर सकती है.
आईपीओ में कैसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है. डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं. आईपीओ शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है. उतने दिनों के अंदर ही निवेशक कंपनी की साइट पर जाकर या ब्रोकरेज फर्म की मदद से आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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शेयर बाजार में 80 लाख गंवाने के बाद आई 'समझ', खड़ा कर दिया बिजनेस, सब्सक्राइबर 2 करोड़ पार!
2008 की मंदी में अजय लखोटिया को शेयर बाजार में 80 लाख रुपये का लॉस हुआ.
2008 की मंदी में अजय लखोटिया को शेयर बाजार में 80 लाख रुपये का लॉस हुआ. उन्होंने बाद में एशिया का पहला सोशल इन्वेस्टमें . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 05, 2022, 18:03 IST
2008 से पहले वे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एक रेस में दौड़ रहे थे.
2008 में शेयर बाजार क्रैश होने पर उनकी आंखें खुलीं और हकीकत नजर आई.
उन्होंने स्टॉकग्रो नाम का एक सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बनाया है.
नई दिल्ली. एक दशक पहले जब शेयर बाजार को भारी वित्तीय संकट ने घेरा था, तब अजय लखोटिया नाम का एक शख्स भी इसकी चपेट में आया था. 2008 अजय के लिए एक अच्छा साल नहीं था. 2008 से पहले वे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एक रेस में दौड़ रहे थे. इस समय एशिया के पहले सोशल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म StockGro के सीईओ और फाउंडर अजय लखोटिया ने बाजार में उस गिरावट के दौरान 80 लाख रुपये गंवा दिए थे.
Share Kaise Kharide
अगर आप share market मे पैसे निवेश करना चाहते हैं व share खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक Demat account बनाना होता हैं ये बैक account की तरह ही होता हैं उसमे आपके bank से पैसे transfer करने शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है होते हैं व जितने पैसे आप अपने demat account में रखोगे आप उतने ही पैसो के share खरीद सकते हैं व आपके share भी इसी account मे रहते हैं.
अगर आप share बेचते हैं तो वो पैसे भी demat account मे रहैंगे यहाँ से वो पैसे आपको अपने बैक मे transfer करने होते हैं व demat account से share खरीदने के लिए भी आपको बैक से इस account मे पैसे लेने होते हैं जिसके बाद आप share खरीद पायेगे.
Demat Account कैसे खोले
Demat account क्या हैं इसके बारे मे तो आपको जानकारी पता चल ही गयी हैं अब आप सोच रहे होगें की demat account खोलते कैसे हैं तो इसके लिए आपको एक share market brokers यानि दलाल की जरुरत होती हैं जो आपका demat account खुलवाता हैं
अगर आप किसी broker को नही जानते तो आप demat account खोलने के लिए किसी company से contact कर सकते हैं वो खुद उनके दलाल को आपके पास भेजेगे जो की आपका account open करवाने मे मदद करते हैं.
व इसका एक फायदा ये भी होता हैं की दलाल आपको कई बार कुछ companies के बारे मे suggest करेगें जहां आप निवेश कर सकते हैं उसमे नुकसान की संभावना कम होती हैं पर इसके लिए वो आपसे पैसे भी लेते है.
Demat account खोलने के लिए आपका किसी भी बैक मे एक saving account होना जरुरी हैं व आपके पास aadhar card, pan card आदि होने जरुरी हैं जिससे आप demat account खोल पायेगे.
शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
ट्रेडिंग शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
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