मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

खाने-पीने की महंगाई से जल्द मिलेगी राहत; कमोडिटी की कीमतों में आई तेज गिरावट

एग्री कमोडिटी की तेजी पर ब्रेक. खाने-पीने की महंगाई से जल्द मिलेगी राहत. महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर. ग्लोबल एग्री मार्केट में गिरावट बढ़ी. कमोडिटी की कीमतों में आई तेज गिरावट. नेहा आनंद से जानिए पूरी डिटेल्स.

गेहूं, चावल की कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य बात, असामान्य तेजी पर कदम उठाएंगे: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि ‘सामान्य’ है और यदि अनाज की कीमतों में कोई असामान्य वृद्धि होती है तो वह बाजार में हस्तक्षेप करेगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन यह भी कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का अधिशेष स्टॉक है, जिसका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए किया जाएगा। पांडे ने कहा, ‘‘कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है. ।’’

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन यह भी कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? अधिशेष स्टॉक है, जिसका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए किया जाएगा।

पांडे ने कहा, ‘‘कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है. ।’’

उन्होंने गेहूं का उदाहरण देते हुए कहा कि कीमतों में वृद्धि सामान्य है क्योंकि पिछले स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? साल थोक कीमतों में गिरावट आई थी जब सरकार ने अपनी खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को भारी मात्रा में अनाज बेचे थे।

पांडे ने कहा कि गेहूं की थोक कीमत 14 अक्टूबर, 2021 को 2,331 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि वर्ष 2020 में इसी दिन यह कीमत 2,474 रुपये प्रति क्विंटल थी।

पांडे ने कहा, ‘‘इसलिए, पिछले साल से चालू वर्ष में गेहूं कीमतों में हुई वृद्धि की तुलना करना उचित नहीं स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? है। इसकी तुलना वर्ष 2020 में प्रचलित कीमतों के साथ की जानी चाहिए।’’

वर्ष 2020 की कीमतों की तुलना में, इस साल 14 अक्टूबर को थोक गेहूं की कीमतों में 11.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2,757 रुपये प्रति क्विंटल रही। खुदरा गेहूं की कीमतों में 12.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 31.06 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

सचिव ने कहा कि यह वृद्धि न्यूनतम समर्थन मूल्य, ईंधन और परिवहन और अन्य खर्चों में वृद्धि के अनुरूप है।’’

उन्होंने कहा कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का संतोषजनक भंडार है। इसका कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार की ओर से जरुरत के मुकाबले अधिक खरीद किया जाना है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष अशोक के के मीणा ने अपनी प्रस्तुति में कहा, ‘‘सरकार के पास एक अक्टूबर तक 205 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले गेहूं का भंडार 227 लाख टन था। इसी तरह, इस अवधि में 103 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले चावल का स्टॉक 205 लाख टन था।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी आवश्यकताओं के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति के बाद भी एक अप्रैल, 2023 तक गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानदंडों से बहुत अधिक होगा।

मीणा ने कहा कि सरकार पूरी तरह सचेत है और नियमित रूप से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य परिदृश्य की निगरानी कर रही है तथा आवश्यकतानुसार जरूरी कदम उठा रही है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कीमतों में तेजी पर लगाम लगाने के लिये सक्रियता से कदम उठाए हैं। गेहूं और चावल की कीमतों में तत्काल नियंत्रण के लिए गेहूं के मामले में 13 मई से और टूटे हुए चावल के मामले में 8 मई से निर्यात पर रोक लगायी गयी है।

मीणा ने यह भी कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हुए रबी (सर्दियों) सत्र में गेहूं का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है।

Multibagger Penny Stock: मल्टीबैगर पेनी स्टॉक क्या है, इसमें निवेश करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

Penny Stocks: कई बार ऐसा होता है की किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है. फिर उस कंपनी की गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है. अब ऐसे में शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं. ऐसे में ज्यादातर ये मान लिया जाता है कि जिसकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वो पैनी स्टॉक है.

मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2022,
  • (Updated 10 फरवरी 2022, 10:28 AM IST)

सोच समझकर करें इसमें निवेश

कभी फायदा तो कभी नुकसान दे सकते हैं पेनी स्टॉक्स

Penny Stocks In India: आज कल शेयर मार्केट स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? में हर कोई पैसा लगा रहा है. शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कई बार पेनी स्टॉक्स काफी पसंद आता है. पसंद आए भी क्यों ना, ये स्टॉक काफी ज्यादा फायदा जो देते हैं. आइए जानते हैं कि स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? आखिर ये पेनी स्टॉक्स (penny stocks) हैं क्या और इससे आपको कितना रिटर्न मिल सकता है.

क्या होते हैं पैनी स्टॉक्स?
पेनी स्टॉक्स वो शेयर होते हैं, जिनकी लिक्विडिटी काफी कम होती है. इन शेयरों को बंगार शेयर भी कहा जाता है. कई बार ऐसा होता है की किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है. फिर उस कंपनी की गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है. अब ऐसे में शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं. ऐसे में ज्यादातर ये मान लिया जाता है कि जिसकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वो पैनी स्टॉक है.

कितने भरोसेमंद हैं पेनी स्टॉक?
पेनी स्टॉक्स में निवेश (investing in penny stocks) करने का जोखिम काफी ज्यादा रहता है. ऐसे शेयर में काफी कम समय में ही उतार-चढ़ाव होने लगता है. ऐसे में निवेशक काफी जल्दी मालामाल भी हो सकते हैं और उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि केवल निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए प्रमोटर्स ही उन स्टॉक्स के दाम बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. अब ऐसे में अगर आप पेनी स्टॉक्स में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं तो आपको काफी सजग रहना होगा, और साथ ही इसकी बारीकी को समझना होगा, तभी आप तगड़ा मुनाफा कमा पाएंगे.

क्यों इतनी जल्दी पैसा हो जाता है डबल?
पेनी स्टॉक्स की कीमत (penny stocks price) काफी कम होती है, इसीलिए कुछ पैसे वाले इसकी कीमत को अपने हिसाब से कम ज्यादा कर लेते हैं. ये लोग अपने ही शेयर में पैसा लगाकर उसकी कीमत बढ़ा देते हैं. जब शानदार रिटर्न देखकर ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? पैसा निवेश कर देते हैं तो कीमत और बढ़ जाती हैं. जिसके बाद इन शेयरों को ऑपरेट करने वाले अपनी मुनाफा कमा कर उससे बाहर निकल जाते हैं.

गेहूं, चावल की कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य बात, असामान्य तेजी पर कदम उठाएंगे: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि ‘सामान्य’ है और यदि अनाज की कीमतों में कोई असामान्य वृद्धि होती है तो वह बाजार में हस्तक्षेप करेगी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन यह भी कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का अधिशेष स्टॉक है, जिसका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए किया जाएगा। पांडे ने कहा, ‘‘कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है. ।’’

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन यह भी कहा कि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का अधिशेष स्टॉक है, जिसका उपयोग बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए किया जाएगा।

पांडे ने कहा, ‘‘कीमतों में वृद्धि कोई असामान्य बात नहीं है. ।’’

उन्होंने गेहूं का उदाहरण देते हुए कहा कि कीमतों में वृद्धि सामान्य है क्योंकि पिछले साल थोक कीमतों में गिरावट आई थी जब सरकार ने अपनी खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को भारी मात्रा में अनाज बेचे थे।

पांडे ने कहा कि गेहूं की थोक कीमत 14 अक्टूबर, 2021 को 2,331 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि वर्ष 2020 में इसी दिन यह कीमत 2,474 रुपये प्रति क्विंटल थी।

पांडे ने कहा, ‘‘इसलिए, पिछले साल से चालू वर्ष में गेहूं कीमतों में हुई वृद्धि की तुलना करना उचित नहीं है। इसकी तुलना वर्ष 2020 में प्रचलित कीमतों के साथ की जानी चाहिए।’’

वर्ष 2020 की कीमतों की तुलना में, इस साल 14 अक्टूबर को थोक गेहूं की कीमतों में 11.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 2,757 रुपये प्रति क्विंटल रही। खुदरा गेहूं की कीमतों में 12.01 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 31.06 रुपये प्रति किलोग्राम रही।

सचिव ने कहा कि यह वृद्धि न्यूनतम समर्थन मूल्य, ईंधन और परिवहन और अन्य खर्चों में वृद्धि के अनुरूप है।’’

उन्होंने कहा कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सरकार के पास अपने गोदामों में गेहूं और चावल दोनों का संतोषजनक भंडार है। इसका कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार की ओर से जरुरत के मुकाबले अधिक खरीद किया जाना है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष अशोक के के मीणा ने अपनी प्रस्तुति में कहा, ‘‘सरकार के पास एक अक्टूबर तक 205 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले गेहूं का भंडार 227 स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? लाख टन था। इसी तरह, इस अवधि में 103 लाख टन के बफर मानदंड के मुकाबले चावल का स्टॉक 205 लाख टन था।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी आवश्यकताओं के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति के बाद भी एक अप्रैल, 2023 तक गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानदंडों से बहुत अधिक होगा।

मीणा ने कहा कि सरकार पूरी तरह सचेत है और नियमित रूप से आवश्यक वस्तुओं के मूल्य परिदृश्य की निगरानी कर रही है तथा आवश्यकतानुसार जरूरी कदम उठा रही है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कीमतों में तेजी पर लगाम लगाने के लिये सक्रियता से कदम उठाए हैं। गेहूं और चावल की कीमतों में तत्काल नियंत्रण के लिए गेहूं के मामले में 13 मई से और टूटे हुए चावल के मामले में 8 मई से निर्यात पर रोक लगायी गयी है।

मीणा ने यह भी कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हुए रबी (सर्दियों) सत्र में गेहूं का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है।

इस महीने Stock Market में 3 दिन का ब्रेक, जानें- कब-कब नहीं होगा कारोबार

Stock Market Holiday In October 2022: बॉम्बे स्टॉक मार्केट (बीएसई) की Stock Market Holiday List पर नजर डालें तो, साल 2022 में शनिवार और रविवार के साप्ताहिक अवकाश के अलावा कुल 13 छुट्टियां निर्धारित की स्टॉक की कीमतों में क्या वृद्धि होती है? गई हैं. इसके तहत पहला स्टॉक मार्केट हॉलिडे 26 जनवरी को था.

अक्टूबर महीने में शेयर बाजार तीन दिन बंद

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 02 अक्टूबर 2022, 3:37 PM IST)

देश में फेस्टिव सीजन (Festive Season) के साथ ही छुट्टियां भी शुरू हो चुकी हैं. एक ओर जहां इस महीने 21 बैंक हॉलिडे (Bank Holiday) पड़ रहे हैं, तो वहीं शेयर बाजार में भी तीन दिन का अवकाश (Stock Market Holiday) रहेगा. अगर आप शेयर बाजार में इन्वेस्ट करते हैं, तो फिर आपके लिए ये खबर बेहद जरूरी है. दरअसल, इस महीने दशहरा और दिवाली के मौके पर स्टॉक मार्केट में कारोबार नहीं होगा.

इन दिनों पर बाजार में कारोबार बंद
अक्टूबर महीने में जिन तीन दिन कारोबार नहीं होगा, उसमें पहली छुट्टी 5 अक्टूबर को दशहरा (Dussehra) के मौके पर रहेगी. इसके बाद दीपावली लक्ष्मी पूजन (Diwali Laxmi Pujan) के मौके पर 24 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में काम-काज बंद रहेगा. स्टॉक मार्केट में महीने की तीसरी और आखिरी छुट्टी दीपावली बलिप्रतिपदा (Diwali Balipratipada) के मौके पर 26 अक्टूबर को रहेगी.

24 अक्टूबर को होगी मुहूर्त ट्रेडिंग
गौरतलब है कि शेयर बाजार में दीवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की परंपरा है. इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग 24 अक्टूबर 2022 यानी दीपावली लक्ष्मी पूजन (Diwali Laxmi Pujan) के दिन होगी. इस साल की स्टॉक मार्केट में सबसे बड़ा शेयर मार्केट हॉलिडे अप्रैल महीने में चार दिन का था, जबकि अक्टूबर में तीन दिन का हॉलिडे है. इससे पहले सितंबर में भी तीन दिन का अवकाश रहा था.

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