क्या बिटकॉइन को लेकर सच होगी चीन की भविष्यवाणी?, 6 महीने 66 फीसदी घटा क्रिप्टो मार्किट
Business News: पिछले 6 महीनों में क्रिप्टोकरेंसियों का मार्किट कैप अपने उच्चतम स्तर 3 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर 924 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।
एक बिटकॉइन का भाव 20,000 डॉलर के करीब पहुंच गया है। (फोटो : रॉयटर्स)
क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का दौर जारी है। छोटी क्रिप्टोकरेंसियों के साथ- साथ बड़ी क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, बीएनबी और एडीए ऊपरी स्तर पर टिकने में लगातार नाकामयाब हो रहे हैं और इनमें बड़ी गिरावट आ रही है। कॉइनमार्केटकैप (CoinMarketCap) के डाटा के अनुसार, पिछले 6 महीने से भारी बिकवाली का सामना कर रहे क्रिप्टो मार्केट का मूल्यांकन 3 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर मंगलवार सुबह की गिरावट के बाद 7:30 बजे 924 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।
क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट: पिछले 24 घंटों में लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसियों में दबाव देखा गया है। बिटकॉइन 2.48 फीसदी गिरकर 20,616 BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? डॉलर पर आ गया है। एथरियम का भाव 3.66 फीसदी गिरकर 1,173 डॉलर पहुंच गया है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसियों जैसे बीएनबी की कीमत 2.03 फीसदी की, सोलना ने 6.33 फीसदी की, एडीए में 4.34 फीसदी की गिरावट हुई हैं।
चीन का भविष्यवाणी: कुछ दिनों पहले चीन के सरकारी अखबार इकॉनोमिक डेली ने क्रिप्टोकरेंसियों में हो रही गिरावट को लेकर एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन शून्य की तरफ बढ़ रही है। लेख में दावा किया गया था कि जब क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के सभी बड़े देश गैर कानूनी घोषित कर देंगे, तो निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसियों पर से भरोसा उठ जाएगा और इसकी कीमत अपनेआप नीचे आ जाएगी।
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चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि बिटकॉइन कुछ नहीं केवल एक डिजिटल कोड्स हैं जो मांग और आपूर्ति पर निर्भर करते हैं। जैसे ही भविष्य में निवेशकों का बिटकॉइन पर से भरोसा उठ जाएगा, तो बिटकॉइन अपनी असली कीमत पर वापस लौट आएगा, जो कि शून्य है।
बिटकॉइन का मूल्य शून्य होने के पिछले चीनी सरकारी अखबार की ओर से तर्क दिया गया था कि पिछले कुछ समय में दुनिया की टॉप क्रिप्टो करेंसी में गिनी जाने वाली ‘टेरा यूएसडी’ और ‘लूना’ के भाव शून्य तक पहुंच गए हैं। ऐसा ही अन्य क्रिप्टोकरेंसियों में होगा। वहीं, पिछले कुछ महीनों में हुई गिरावट देखते हुए अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आने वाले समय में बिटकॉइन की कीमत 14 हजार डॉलर के नीचे आ सकती है।
मनी लॉन्ड्रिंग में क्रिप्टोकरंसी का बढ़ता इस्तेमाल बड़ी चिंता, वजीर एक्स की संपत्तियों को ईडी ने किया फ्रीज
क्रिप्टोकरेंसी के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग, घोटाले, फिरौती, रिश्वतखोरी, हैंकिंग, डार्कनेट मार्केट और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है। पोंजी स्कीम, फिशिंग, फेक टोकन सेल, ब्लैकमेलिंग लेनदेन बढ़ा।
वित्तीय अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनी वजीर एक्स की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया। ब्लॉकचेन की अंतर्निहित क्षमता के बावजूद ईडी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर इस तरह के आरोप लगाने वाली पहली एजेंसी नहीं है। जांच एजेंसियों के लिए यह एक नई चिंता बनकर उभरा है।
कैसे बढ़ रही क्रिप्टो चोरी
चेनअनालिसिस 2022 क्रिप्टो क्राइम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में क्रिप्टोकरंसी चोरी और अवैध खातों में पैसा हस्तांतरित करने का चलन 80 फीसदी तक बढ़ गया।
वर्ष कुल नुकसान (बिलियन डॉलर में)
2017 में 4.6
2018 में 4.4
2019 में 11.7
2020 में 7.8
2021 में 14.0
1. क्या ब्लॉकचेन से लेनदेन का आकलन संभव है ?
ब्लॉकचेन पर लेनदेन हमेशा जांच योग्य होता है। दुनिया भर में अधिकांश अदालत और कानून प्रवर्तन निकाय ब्लॉकचेन रिकॉर्ड को लेनदेन इतिहास के कानूनी प्रमाण के रूप में स्वीकार करते हैं। हालांकि, क्रिप्टो लेनदेन कभी-कभी ऑफ-चेन हो सकता है, या धन के प्रवाह को बाधित करने के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, ब्लॉकचेन कन्वेयर बेल्ट की तरह हैं, जो क्रिप्टो के प्रवाह को एक वॉलेट से दूसरे में भेजने की सुविधा देते हैं। वॉलेट सेवा देने वाली कंपनी वॉलेट रखने वाले के बारे में गोपनीयता का ध्यान रखती है।
2. हस्तांतरण किस तरह छिपाए जाते हैं?
हैकर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे आम तरीकों में से एक को मिक्सिंग या टम्बलर कहा जाता है। चूंकि हर क्रिप्टो टोकन का पता लगाया जा सकता है, टंबलर विभिन्न ब्लॉकचेन से कई टोकन तोड़ते हैं और उन्हें मिलाते हैं। फिर वे मूल राशि को उसके मालिक को हस्तांतरित कर देते हैं, लेकिन कई माध्यमों से लेन-देन के चलते इसका पता लगाना कई बार मुश्किल हो जाता है। कुछ अवैध उपयोगकर्ता ट्रेस करने योग्य टोकन BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? को गोपनीयता-केंद्रित ब्लॉकचेन जैसे मोनेरो में भी स्थानांतरित करते हैं, जो वॉलेट का पता और विवरण छिपा लेते हैं। ऐसे दलाल भी हैं जो नकद सहित अन्य रूप में भुगतान लेकर समान राशि को क्रिप्टो में उपयोगकर्ता के वॉलेट में भेज देते हैं।
3.ईडी ने वजीर एक्स और बिनांस पर क्या आरोप लगाए?
ईडी का दावा है कि वजीरएक्स की होल्डिंग कंपनी जानमाई लैब्स क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो लेनदेन के बारे में विरोधाभासी और अस्पष्ट जवाब दे रही है। ईडी ने कहा कि वजीरएक्स ब्लॉकचेन डाटा और लेनदेन का ब्योरा में विफल रहा है।
4.ऑफ-चेन हस्तांतरण क्या है?
-जब कोई उपयोगकर्ता किसी एक्सचेंज से क्रिप्टो निकालता है तो उसे अपना वॉलेट पता बताना होता है, जिसके बाद टोकन ट्रांसफर किया जाता है। इसका ब्योरा ब्लॉकचेन पर भी रखा जाता है। हालांकि, इसके लिए उन्हें एक शुल्क देना होता है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन पर भुगतान में किया जाता है। इस शुल्क से बचने के लिए, दो प्लेटफॉर्म एक-दूसरे के साथ एकीकृत हो सकते हैं और उपयोगकर्ताओं को ब्लॉकचेन का उपयोग किए बिना क्रिप्टो ट्रांसफर करने की अनुमति दे सकते हैं। ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड नहीं रखे जाते, ऐसे में इस तरह के लेन-देन से धन की खोज के संबंध में सवाल उठते रहते हैं।
5. एक्सचेंज किस तरह मनी लॉन्ड्रिंग रोक सकते हैं?- विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सचेंज केवाईसी और आठ से दस वर्षों के लेनदेन का रिकॉर्ड रख सकते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह के अनुसार, केवाईसी वाले वॉलेट से लेनदेन का ब्योरा आसानी से रखा जा सकेगा। हालांकि, भारत के बाहर के प्लेटफॉर्म पर रखे गए वॉलेट के लिए केवाईसी मानदंड भारत से भिन्न हो सकते हैं। कुछ ब्लॉकचेन रिसर्च फर्म मशीन लर्निंग-आधारित टूल पर भी काम कर रही हैं जो अवैध खातों को चिह्नित कर सकती हैं।
क्या होता है बिटकॉइन? इसकी शरुआत कैसे हुई? पूरे बैंकिंग सिस्टम को हिला कर रख देने वाले बिटकॉइन के बारे में सब कुछ जानिए
आज इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स, काई सारे ऐसे एप्स मौजूद हैं जो बिटकॉइन खरीदते और बेचते हैं. साधारण भाषा में कहें, तो कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं.
जब से बिटकॉइन का जन्म हुआ है तब से ही बिटकॉइन की खूब चर्चा हो रही है. शुरुआत में तो ये हालात थे कि चारों तरफ हर किसी के मुंह से बिटकॉइन ही बिटकॉइन सुनाई देता था. कई देशों की सरकारों के विरोध के बाद इसकी बातें बहुत कम हो गई थीं लेकिन अब एक बार फिर से बिटकॉइन की चर्चा ज़ोरों पर है और इसके पीछे का कारण है बिटकॉइन की कीमत। दरअसल, बिटकॉइन की कीमत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. जानकारी हो कि मौजूदा वक्त में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 26 लाख रुपए हो चुकी है लगातार बढ़ती ही जा रही है यही वजह है कि निवेशक इन दिनों बिटकॉइन में भर-भर के निवेश कर रहे हैं.
बिटकॉइन क्या होता है?
Bitcoin एक वर्चुअल करेंसी है, Virtual का हिंदी अर्थ होता है- वास्तविक या आभासी. साधारण शब्दों में कहें तो आपके पास पैसा तो होता है आप इसका जब मर्ज़ी उपयोग भी कर सकते हैं लेकिन इसे हाथ में लेकर गिन नहीं सकते. इसिलए इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है. बिटकॉइन का जन्म साल 2009 में हुआ था, सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने इसे बनाया गया था. आज मात्र 11 सालों में जिस बिटकॉइन की कीमत 26 लाख रूपए हो चुकी है उस वक्त यानी 2009 में इसकी कीमत 5-6 रुपए प्रति बिटकॉइन थी. जैसा कि हम बता चुके हैं आम करेंसी की तरह बिटकॉइन को देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन इससे ऑनलाइन खरीद-फरोख्त हो सकती है. इससे कोई भी सामान खरीदा जा सकता है, उधारी चुकाई जा सकती है. बिटकॉइन की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि इंटरनेशनल लेवल पर इससे पेमेंट करना फायदेमंद है क्योंकि अभी तक बिटकॉइन पर किसी भी देश या किसी संस्था का रेगुलेशन नहीं है. बिटकॉइन की बढ़ती कीमत के चलते इन दिनों लोग बिटकॉइन में खूब निवेश कर रहे हैं. कह लें, कि इन दिनों बिटकॉइन वर्ल्ड टूर पर निकला है तो कुछ गलत नहीं होगा.
बिटकॉइन को खरीदा या बेचा कैसे जा सकता है?
कई तरह के एप्स, वेबसाइट्स मौजूद हैं जहां पर बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं. कई ऑनलाइन मार्किट प्लेस पर बिटकॉइन की खरीद व बिक्री होती है. साधारण भाषा BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? में समझें तो जैसे आप डिजिटल तरीके से, इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके किसी को पैसे भेजते हैं ठीक उसी तरह बिटकॉइन का भी लेन-देन किया जा सकता है. इन वेबसाइट्स, एप्स या कह लें ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर यूजर को ट्रेडिंग के लिए अपना अकाउंट बनाना होता है. इसी अकाउंट के ज़रिए बिटकॉइन की ट्रेडिंग आसानी से की जा सकती है.
'बिटकॉइन माइनिंग' आपने बहुत सुना होगा, क्या होता BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? है?
दरअसल, बिटकॉइन को कंप्यूटर पर ही गणित के जटिल सवाल हल करके भी हासिल किया जा सकता है. मतलब यूजर को अपने पैसे इन्वेस्ट करने की ज़रुरत नहीं है. गणित के जटिल सवाल हल कर बिटकॉइन पाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin mining) कहा जाता है. बिटकॉइन शुरुआत में भी इसी तर्ज पर बनाया गया था. अभी भी दुनियाभर में बहुत से लोग बिटकॉइन माइनिंग कर इस क्रिप्टोकरेंसी को प्राप्त कर रहे BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? हैं और अमीर बन रहे हैं.
बिटकॉइन वॉलेट भी होता है!
Bitcoin एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर रहते हैं. यूजर का जो ट्रेडिंग अकॉउंट होता है उसी के भीतर दिखाई हैं. इस डिजिटल वॉलेट को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है. यह डिजिटल या बिटकॉइन वॉलेट यूजर के कंप्यूटर पर या फिर ऑनलाइन क्लाउड पर हो सकता है. यह एक तरह का वर्चुअल बैंक अकाउंट हैं. जिसे एक खास पासवर्ड से ही खोला जा सकता है. अगर किसी यूजर ने इस डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड खो दिया या भूल गया तो फिर उसके बिटकॉइन भी खो जाएंगे और फिर कभी वापस नहीं आएंगे.
हाल ही एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति के बिटकॉइन वॉलेट में 7000 बिटकॉइन हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है. लेकिन वह अपने बिटकॉइन वॉलेट का पासवर्ड भूल गया है. तो अब वह व्यक्ति करोड़पति होते हुए भी ना के बराबर है. एक अध्ययन के मुताबिक कुल बिटकॉइन के 25 फीसदी तो इन्हीं सब कारणों के चलते उपयोगहीन हैं.
बिटकॉइन के खतरों से भी रूबरू हो लीजिए-
Bitcoin की खासियत ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है. इसकी खासियत ये है कि इसके ऑनलाइन लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है. जिसके चलते बिटकॉइन खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को ढूंढ पाना लगभग नामुमकिन है. यही वजह है कि कई देशों में गैरकानूनी कामों जैसे ड्रग्स आदि खरीदने के लिए बिटकॉइन का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है. आशंका है कि बिटकॉइन सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है. यही वजह है कि दुनिया के अधिकतर देशों की सरकारें इससे खौफज़द हैं.
पूरा बैंकिंग सिस्टम क्यों है परेशान?
इंटरनेट और तकनीक के बढ़ते प्रचलन के चलते बिटकॉइन के इस्तेमाल में भी खासी बढ़ोत्तरी हुई है. दुनियाभर के निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में दबा कर निवेश कर रहे हैं. हालांकि मौजूदा वक्त में बिटकॉइन की तर्ज पर कई अन्य तरह की वर्चुअल करेंसी भी अस्तित्व में आ चुकी हैं. लेकिन बिटकॉइन इन सभी का शहंशाह BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? है. दुनियाभर की कुल क्रिप्टो क्रिप्टोकरेंसी में 69 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बिटकॉइन की ही है.
इस करेंसी का नियमन (रेगुलेशन) ना होने के कारण दुनियाभर के बैंक इसे लेकर चिंतित हैं. क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में किसी भी थर्ड पार्टी जैसे बैंक आदि की जरूरत बिलकुल भी नहीं होती. ऐसे में कर चोरी की आशंका भयंकर रूप से है. दुनिया का कोई भी देश बिटकॉइन को करेंसी के तौर पर मान्यता नहीं दे पा रहा है, ऐसे में बिटकॉइन से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है. अब आप समझ लीजिए काले धन का सबसे बड़ा केंद्र स्विस बैंक तक बिटकॉइन से परेशान है.
तो अब पेटीएम से भी खरीद सकेंगे बिटकॉइन! जानें कंपनी की क्या है प्लानिंग
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? सकती है.
- Money9 Hindi
- Publish Date - November 4, 2021 / 06:29 PM IST
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम (Paytm) का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर सकती है. हालांकि देश में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. लेकिन जल्द ही वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट किया जा सकता है. कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ओर इशारा किया था. वहीं पेटीएम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मधुर देवड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी नियम साफ नहीं है. सरकार इजाजत देगी तो वह बिटकॉइन को बेचेगी. उन्होंने कहा कि जैसे ही वर्चुअल करेंसी की खरीद और बिक्री देश BitCoin इस्तेमाल करना क्या गैरकानूनी है? में पूरी तरह वैध हो जाती है तो पेटीएम इसकी बिक्री पर फोकस करेगी.
देश का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में है पेटीएम
देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का क्रिप्टोकरेंसी पर बयान ऐसे समय आया है जब वह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO (Initial public offer) लाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि पेटीएम का IPO अगले सोमवार यानी 8 नवंबर को खुलेगा. कंपनी शेयर बाजार में IPO के जरिए प्रवेश करने वाली है. कंपनी का IPO करीब 18 हजार करोड़ रुपये का होगा.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में सबसे आगे है भारत
एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में भारत सबसे आगे है. देश में खासकर युवाओं के बीच क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टो करेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता. बता दें कि RBI ने मार्च 2020 में इस पर बैन लगाया था. हालांकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. मार्च 2020 में कोर्ट ने इसे हटा दिया.
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