Recuuring Deposit Account – आवर्ती खाते में आप नियमित रूप से सेविंग पर एक रिटर्न अर्जित प्राप्त करते हैं। आवर्ती खातों में आपको एक अवधि जैसे 1 साल य फिर 5 सालों तक हर महीने एक तय राशि बैंक खाते में जमा करवानी होती है। ऐसे में आपको अवधि पूरी होने के बाद आपकी जमा राशि पर ब्याज के साथ आपकी मूल राशि आपको प्रदान कर दी जाती है।
चालू खाते के प्रकार क्या हैं
करंट बैंक अकाउंट क्या होता है: आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसका की बैंक खाता नहीं खुला होगा। किसी भी तरह की योजनायें होती हैं, उन सभी में मिलने वाले लाभ ज्यादातर बैंक खाते के माध्यम से ही प्राप्त होती हैं। लेकिन ये बैंक खाता भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। जैसे बचत खाता, चालू खाता, वेतन खाता, एनआरआई बैंक खाता, जैसे कई तरह के बैंक खाते होते हैं। लेकिन सामान्यतः लोग सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। लेकिन जब भी हम बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं या फिर ऑनलाइन खाता खोलने के लिए फॉर्म भरते हैं, तो बैंक में भी हमको पूछा जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। जैसे करंट अकाउंट या फिर सेविंग अकाउंट। ऐसा क्या अंतर है इन दोनों बैंक खातों में जो कि खाता खुलवाने के समय भी हमसे सवाल किया जाता है कि हमको कौन सा खाता खुलवाना है। अक्सर कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है, ये चालू खाता क्या होता है। लेकिन बचत खाता के बारे में तो थोड़ा बहुत सभी लोग जानते ही होंगे क्योंकि इसका नाम ही बचत से शुरू होता है। तो दोस्तों आज हम जानेंगे कि करंट बैंक अकाउंट क्या होता है। (What is Current Bank Account) और हमको कौन सा बैंक खाता खुलवाना चाहिए।
करंट बैंक अकाउंट क्या होता है?
करंट बैंक खाता ही चालू बैंक खाता कहलाता है। सामान्यतौर पर यह बैंक अकाउंट वो लोग खुलवाते हैं, जो की व्यापारी, जैसे ये अकाउंट कंपनियों, फर्मों, किसी सार्वजनिक उद्योग कम्पनियाँ होती हैं। क्योंकि उन लोगों को कभी भी किसी भी चीज का लेनदेन करना हो सकता है। नियमित रूप से पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए यह करंट बैंक खाता लाभदायक होता है। इस प्रकार के करंट खातों में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। चालू खाते में आप जब और जितनी बार चाहें पैसों का लेनदेन कर सकते हैं। लेकिन यहाँ आपको किसी भी तरह का ब्याज नहीं प्राप्त होता है, जैसे बचत खाता खुलवाने पर आपको सालाना ब्याज प्राप्त होता है। लेकिन चालू खाते में आपको किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता। कुल मिलकर करंट अकाउंट जो व्यापारी या फिर जो व्यक्ति नियमित रूप से बड़ी राशि का लेनदेन करते हैं उनके ही लिए होते हैं। साथ ही करंट बैंक अकाउंट में सर्विस चार्ज भी काटा जाता है।
करंट बैंक खाता खुलवाने के लाभ और सुविधायें
- इस तरह के बैंक खाते केवल व्यवसायी, या बड़ी कम्पनियाँ ही खुलवाती हैं जो की नियमित रूप से बड़ी धनराशि का लेनदेन करते हैं।
- चालू बैंक खाते में आपके बचत खाते से अधिक लेनदेन की सीमा होती है।
- चालू बैंक खाते में किसी तरह की लिमिट नहीं होती है, आप कितने भी पैसे निकाल सकते हैं।
- करंट बैंक अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा प्रदान की जाती है।
- इस तरह के बैंक खातों में भी बचत खातों के जैसे ही Know Your Coustomer(KYC) गाइडलाइंस को फॉलो किया।
- करंट बैंक खाते में आपको NEFT/RTGS में भी शुल्क पर छूट प्राप्त होती है।
- यहाँ आप कई तरह की सुविधायें प्राप्त कर सकते हैं। जैसे की फंड्स ट्रांसफर करना, चेक रिसीव करना, कैश जैसी कई सारी सुविधायें।
- करंट बैंक खातों में लेनदेन पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है।
- इस प्रकार के बैंक खातों में आप एक तय न्यूनतम राशि से कम पैसे नहीं रख सकते हैं। यदि आप निर्धारित राशि से कम पैसे अपने खाते में रखते हैं, तो आपको इसका चार्ज देना होगा।
- करंट बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए आप किसी भी बैलेंस पर खाता नहीं खुलवा सकते हैं, इस अकाउंट में बैंक का ओपनिंग बैलेंस होता है। आपको इस पर ही खाता खुलवाना होता है।
हमें कौन सा अकाउंट खोलना चाहिए
हमे कौन सा अकाउंट खुलवाना चाहिए, ये इस बात पर निर्भर करता है कि हम क्या काम करते हैं। हमको हमारे पैसों की बचत करनी है, या फिर हमको अपने पैसों का किसी चीज में चालू खाते के प्रकार क्या हैं निवेश करना है। या हमको कोई चीजें खरीदनी और बेचनी हैं। या फिर आपको अपना पैसा बैंक में जमा करके लम्बे समय तक बचाना है। आप दिए गए कुछ तरह के खाते खोल सकते हैं, वो भी अपनी आवश्यकता अनुसार।
- बचत बैंक खाता – बचत खाता हम किसी भी बैंक(सरकारी या प्राइवेट बैंक) में बैंक की न्यूनतम ओपनिंग बैलेंस पर खुलवा सकते हैं। इस तरह के खाते में पैसे जमा करने पर आपको बचत राशि पर ब्याज भी प्रदान करवाया जाता है। यहाँ आप कभी भी पैसे जमा कर सकते हैं, और निकल भी सकते हैं। यहाँ पर अकाउंट से पैसे निकलने की एक सीमा तय होती है।
- करंट अकाउंट- इस प्रकार के या चालू खाते व्यवसायी लोगों और कम्पनियों और सरकारी उद्यमों द्वारा खुलवाए जाते हैं। इसमें आप कभी भी कितने भी पैसों का लेनदेन कर सकते हैं, यहाँ आपको किसी तरह का ब्याज नहीं प्राप्त होता। साथ ही आपका सर्विस चार्ज भी काटा जाता है।
BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए
चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई चालू खाते के प्रकार क्या हैं इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.
2. बचत खाता- Savings Account
नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) चालू खाते के प्रकार क्या हैं मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना चालू खाते के प्रकार क्या हैं अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to चालू खाते के प्रकार क्या हैं time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.
4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account
सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.
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बैंक में करंट अकाउंट कैसे खोलें | Open a Current Bank Account
चालू खाता or Current Account एक खाता है जिसमें लेनदेन पर कोई सीमा नहीं है। लेनदेन का एक दिन में किया जा सकता है और इसलिए Transactional Accounts के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार के खाते न तो निवेश के उद्देश्य के लिए और न ही बचत के उद्देश्य के लिए आयोजित किए जाते हैं बल्कि केवल व्यापार की सुविधा के लिए होते हैं क्योंकि ये खाते सबसे अधिक तरल प्रकार के खाते होते हैं।बैंक इन खातों में लगी हुई राशि पर कोई ब्याज नहीं देते हैं और कुछ मामलों में वे जो सेवाएं प्रदान करते हैं, उनके लिए एक छोटा सा शुल्क भी लेते हैं। इन प्रकार के बैंक खाते आमतौर पर व्यवसायों द्वारा खोले जाते हैं क्योंकि वहां नहीं। लेनदेन के उच्च पक्ष पर हैं।
Choose the right Bank for taking Current account – चालू खाता लेने के लिए चालू खाते के प्रकार क्या हैं सही बैंक चुनें
वर्तमान बैंक खाते आपको सामान्य रूप से व्यक्तिगत खातों जैसे नकदी और चेक हैंडलिंग, प्रत्यक्ष डेबिट और स्थायी आदेश, एनईएफटी, मोबाइल बैंकिंग, डेबिट / क्रेडिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट इत्यादि में जो कुछ भी मिलते हैं, प्रदान करते हैं। लेकिन व्यक्तिगत बचत खाते के विपरीत, आपसे शुल्क लिया जाएगा आपके वर्तमान खाते पर किए गए लेन-देन, इसलिए आपको हमेशा जो कुछ चाहिए, उसका विश्लेषण करना बेहतर होता है और लाभ प्रदान करने के लिए बैंकों को क्या प्रदान किया जाता है और उन दोनों से मेल खाता है। यह मोबाइल योजनाओं को चुनने की तरह है! उदाहरण के लिए – यदि आप अधिक लेनदेन करते हैं तो अधिक बैंकों को लेन-देन देने वाले बैंक का चयन करें। इन लिंकों को दो अलग-अलग बैंकों एचडीएफसी और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रदान की गई विभिन्न सुविधाओं को दिखाते हुए मिला।
Documents required for opening a Current Account- एक चालू खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज
भारत में चालू खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं
LIst of Documents In Hindi –
- पैन कार्ड
- साझेदारी कार्य (साझेदारी फर्म के मामले में)
- निवेश का प्रमाणपत्र, एसोसिएशन के ज्ञापन और एसोसिएशन ऑफ आर्टिकल्स (कंपनियों के मामले में)
- बैंक खाता खोलने के लिए एक चेक
- फर्म / कंपनी / एचयूएफ का पता प्रमाण
- सभी भागीदारों / निदेशकों का आईडी और पता प्रमाण
List of Documents In English –
- PAN Card
- Partnership Deed (in case of Partnership Firm)
- Certificate of Incorporation, Memorandum of Association and Articles of Association (in case of Companies)
- A Cheque for opening the Bank Account
- Address Proof of the Firm/ Company/HUF
- ID and Address proof of all partners/directors
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
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