Share Market Update: जुलाई में हर मिनट निवेशकों ने कैसे कमाए 54 करोड़ रुपये से ज्यादा

Share Market Update: जुलाई में हर मिनट निवेशकों ने कैसे कमाए 54 करोड़ रुपये से ज्यादा

डीएनए हिंदी: जुलाई के महीने में शेयर बाजार (Share Market) में करीब 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स (Sensex) 8.81 फीसदी और निफ्टी (Nifty50) में 8.92 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जिसकी वजह से बीएसई के मार्केट कैप (BSE Market Cap) में इस महीनं में 22.70 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसका मतलब है कि इस दौरान निवेशकों की जेब में हर एक मिनट में 54 करोड़ रुपये से ज्यादा आए हैं. वास्तव में यूएस के इकोनॉमिक डाटा, आने वाले महीनों में फेड पॉलिसी का नरम रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी की वजह से लगातार तीसरे जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर जुलाई के महीने में शेयर बाजार किस तरह के आंकड़ों को देख रहा है.

शेयर बाजार में बड़ी तेजी
महीने के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में 712.46 अंकों की तेजी देखने को मिली और सेंसेक्स 57.570.25 अंकों पर बंद हुआ. सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन तेजी देखने को मिली है. अगर बात जुलाई की करें तो सेंसेक्स में करीब 9 फीसदी की तेजी देखने को मिली है इसका मतलब है कि सेंसेक्स महीने की शुरूआत 55,381 अंकां से 57500 अंकों को पार कर गया है. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफृटी में आज एक फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 17,158 अंकों पर बंद हुआ. जुलाई के महीने में निफटी में 1400 अंकों से ज्यादा की तेजी 8.92 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.

जुलाई में निवेशकों की झोली में गिरे 22.70 लाख करोड़
निवेशकों की कमाई बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ी हुई होती है. जितना मार्केट कैप बढ़ता है, निवेशकों की कमाई में उतना ही इजाफा होता है. आंकड़ों के अनुसार बीएसई का मार्केट जुलाई के महीने में 22.70 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है. वास्तव में जुलाई की शुरूआत में बीएसई का मार्केट कैप 2,43,87,28.73 करोड़ रुपये है, जबकि आज बढ़कर 2,66,58,604.02 करोड़ रुपये पर पहुंचा. इसका मतलब है कि इस दौरान निवेशकों 22.70 लाख करोड़ रुपये देते हैं.

हर मिनट 54 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई का गणित
जुलाई के महीने में 1 जुलाई से 29 जुलाई तक निवेशकों की झोली में कुल 22.70 लाख करोड़ रुपये आए हैं. अगर इसे हम प्रति दिन के हिसाब से देखें तो निवेशकों को रोज औसत रूप से 78 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है. वहीं हर घंटे में निवेशकों ने 3262 करोड़ रुपये कमाए हैं. इस कमाई को प्रति मिनट से गणना करें तो 54 करोड़ रुपये से ज्यादा बन रहा है.

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आईपीएल के किस टीम मार्केट कैप का गणित का मार्केट कैप 7600 करोड़ रुपए के उच्च स्तर को पार कर गया है?

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आईपीएल में सीएसके टीम का मार्केट कैप 7600करोड़ रुपए के उच्च स्तर को पार कर गया है

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8 साल में सबसे सस्ता कच्चा तेल, 35 रुपये तक कम हो मार्केट कैप का गणित जाएंगे पेट्रोल के दाम? समझें गणित

अगर देश को रूसी ऑयल 49 डॉलर पर मिलना शुरू हो जाता है तो देश में पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये से 35 रुपये तक की गिरावट देखने को मिल सकती है.

8 साल में सबसे सस्ता कच्चा तेल, 35 रुपये तक कम हो जाएंगे पेट्रोल के दाम? समझें गणित

पूरी दुनिया में क्रूड ऑयल (Crude Oil) की चर्चा है. खासकर रूसी क्रूड ऑयल (Russian Crude Oil) की, जिस पर जी7, यूरोप और सहयोगी देशों ने 60 डॉलर की कैपिंग कर दी है. इसका मतलब है कि रूस अब 60 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा की कीमत पर क्रूड ऑयल नहीं बेच सकता है. वहीं दूसरी ओर भारत को रूसी ऑयल जी7 की कैपिंग से भी 11 डॉलर सस्ता मिल सकता है.

अगर ऐसा हुआ तो भारत 8 सालों में सबसे सस्ता क्रूड ऑयल (Cheapest Crude Oil) ख​रीदेगा. जिसकी वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) में 30 से 35 रुपये गिरावट आ सकती है. आइए बताते हैं कि आखिर तेल के इस खेल में भारत को कैसे और किस तरह से फायदा हो सकता है.

7 साल में सबसे सस्ता होगा क्रूड ऑयल

  1. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट के बाद भारतीय रिफाइनर रूसी तेल को पश्चिमी देशों के 60 डॉलर के प्राइस कैप से भी कम कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं.
  2. भारतीय उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि भारत ने प्राइस कैप का सपोर्ट नहीं किया है और अभी भी कम दरों का भुगतान कर सकता है क्योंकि रूस बाजार की अवहेलना मार्केट कैप का गणित नहीं कर सकता है या कैप से अधिक दरों पर बिक्री के लिए छूट कम नहीं कर सकता है.
  3. फ्लैगशिप यूराल क्रूड, जो नवंबर में भारत के रूसी तेल आयात का 80 फीसदी था, लगभग 49 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
  4. मतलब साफ है कि भारत को रूसी तेल प्राइस कैप से 11 डॉलर सस्ता मिल सकता है.
  5. अगर भारत को 49 डॉलर पर रूसी क्रूड ऑयल मिलता है तो यह 8 साल में पहली बार होगा.
  6. हमें इस दौरान पैंडेमिक दौर को थोड़ा बाहर रखना होगा जब क्रूड ऑयल के दाम दुनिया में माइनस में चले गए थे.
  7. आंकड़ों के अनुसा नवंबर 2015 में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 48.79 डॉलर प्रति बैरल पर थी.मार्केट कैप का गणित
  8. भारत सबसे ज्यादा ब्रेंट क्रूड ऑयल का ही आयात करता रहा है. ऐसे में भारत को सस्ते क्रूड ऑयल के कई फायदे मिलेंगे.
  9. देश में महंगाई को कम करने के अलावा देश की इकोनॉमी को सुधारने में भी ​मदद मिलेगी.

तो 61 रुपये पर आ जाएगा पेट्रोल

अगर देश को क्रूड ऑयल 2015 की कीमतों में मिलना शुरू होगा तो अब सवाल यह है कि पेट्रोल और डीजल के दाम भी उसी दौर के समान हो जाएंगी? इस मामले में आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि अगर देश को रूसी ऑयल 49 डॉलर पर मिलना शुरू हो जाता है तो देश में पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये से 35 रुपये तक की गिरावट देखने को मिल सकती है. इसका मतलब है कि देश पेट्रोल के दाम 61 रुपये पर आ जाएंगे. वहीं डीजल की कीमत में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है. डीजल के दाम 40 रुपये से ज्यादा कम हो सकते हैं. इस मतलब है कि डीजल के दाम 50 रुपये से नीचे जा सकते हैं.

8 सालों में क्रूड ऑयल और पेट्रोल और डीजल के दाम

मार्केट कैप का गणित
साल तेल (डॉलर प्रति बैरल में ) पेट्रोल (रुपये प्रति लीटर में) डीजल (रुपये प्रति लीटर में)
2015 48.70 60.49 49.71
2016 43.53 59.68 48.33
2017 62.63 63.09 53.33
2018 75.54 75.55 67.38
2019 65.70 72.96 66.69
2020 45.66 79.7679.88
2021 75.32 99.86 89.36
2022 49.62 (Russian Oil) 105.41 96.67

2015 में कितने थे पेट्रोल और डीजल के दाम

नवंबर के महीने जब ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 49 डॉलर प्रति बैरल पर थे. जबकि देश में उस समय प्रत्येक 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव देखने को मिलता था. देश की राजधानी दिल्ली में 2 नवंबर को पेट्रोल के दाम 61.06 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 46.80 रुपये प्रति लीटर पर थे. इसका मतलब साफ है कि देश में पेट्रोल और डीजल के दाम भी 2015 के लेवल पर आ सकते हैं.

Share Market Update: जुलाई में हर मिनट निवेशकों ने कैसे कमाए 54 मार्केट कैप का गणित करोड़ रुपये से ज्यादा

Share Market Update: जुलाई में हर मिनट निवेशकों ने कैसे कमाए 54 करोड़ रुपये से ज्यादा

डीएनए हिंदी: जुलाई के महीने में शेयर बाजार (Share Market) में करीब 9 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स (Sensex) 8.81 फीसदी और निफ्टी (Nifty50) में 8.92 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जिसकी वजह से बीएसई के मार्केट कैप (BSE Market Cap) में इस महीनं में 22.70 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसका मतलब है कि इस दौरान निवेशकों की जेब में हर एक मिनट में 54 करोड़ रुपये से ज्यादा आए हैं. वास्तव में यूएस के इकोनॉमिक डाटा, आने वाले महीनों में फेड पॉलिसी का नरम रुख और डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी की वजह से लगातार तीसरे जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर जुलाई के महीने में शेयर बाजार किस तरह के आंकड़ों को देख रहा है.

शेयर बाजार में बड़ी तेजी
महीने के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में 712.46 अंकों की तेजी देखने को मिली और सेंसेक्स 57.570.25 अंकों पर बंद हुआ. सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन तेजी देखने को मिली है. अगर बात जुलाई की करें तो सेंसेक्स में करीब 9 फीसदी की तेजी देखने को मिली है इसका मतलब है कि सेंसेक्स महीने की शुरूआत 55,381 अंकां से 57500 अंकों को पार कर गया है. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफृटी में आज एक फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 17,158 अंकों पर बंद हुआ. जुलाई के महीने में निफटी में 1400 अंकों से ज्यादा की तेजी 8.92 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.

जुलाई में निवेशकों की झोली में गिरे 22.70 लाख करोड़
निवेशकों की कमाई बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ी हुई होती है. जितना मार्केट कैप बढ़ता है, निवेशकों की कमाई में उतना ही इजाफा होता है. आंकड़ों के अनुसार बीएसई का मार्केट जुलाई के महीने में 22.70 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है. वास्तव में जुलाई की शुरूआत में बीएसई का मार्केट कैप 2,43,मार्केट कैप का गणित 87,28.73 करोड़ रुपये है, जबकि आज बढ़कर 2,66,58,604.02 करोड़ रुपये पर पहुंचा. इसका मतलब है कि इस दौरान निवेशकों 22.70 लाख करोड़ रुपये देते हैं.

हर मिनट 54 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई का गणित
जुलाई के महीने में 1 जुलाई से 29 जुलाई तक निवेशकों की झोली में कुल 22.70 लाख करोड़ रुपये आए हैं. अगर इसे हम प्रति दिन के हिसाब से देखें तो निवेशकों को रोज औसत रूप से 78 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है. वहीं हर घंटे में निवेशकों ने 3262 करोड़ रुपये कमाए हैं. इस कमाई को प्रति मिनट से गणना करें तो 54 करोड़ रुपये से ज्यादा बन रहा है.

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