12:13 PM निफ्टी 50 के टॉप-10 गेनर स्टॉक्स; इंडसइंड बैंक के शेयर में सबसे ज्यादा 4.43% की बढ़त है।

NSE Kya hai? BSE Kya hai? दोनों मे क्या अंतर है?

NSE और BSE दोनों ही भारत के बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं जहाँ हज़ारों कंपनियाँ लिस्टेड हैं पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि NSE Kya hai, BSE Kya Hai और आखिर इन दोनों में क्या अंतर है जो इन्हे एक दूसरे से अलग करता है और सबसे ज़रूरी बात, इनका मुख्य काम क्या है? क्या इनके बिना stock market नहीं चल सकता? चलिए जानते हैं सभी सवालों के जवाब।

NSE का फुल फॉर्म होता है “National Stock Exchange”। यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसकी स्थापना सन 1992 में मुंबई के अंदर हुई थी। कारोबार के लिहाज़ से यह दुनिया का तीसरा सबसे एक्टिव स्टॉक एक्सचेंज है जहाँ दुनिया भर के निवेशक आते हैं और अपनी पूंजी लगाकर लाभ उठाते हैं।

देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज होने के साथ ही NSE भारत का सबसे नया स्टॉक एक्सचेंज भी है जो आटोमेटिक स्क्रीन बेस्ड ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला सबसे पहला stock exchange है। हम कह सकते है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अब तक का सबसे एडवांस्ड एक्सचेंज है जिसे देखकर अमेरिका के न्यूयॉर्क जैसे बड़े एक्सचेंज सीख रहे हैं और तरक्की कर रहे हैं |

BSE Meaning in Hindi

BSE का फुल फॉर्म होता है “Bombay Stock Exchange”। आपको बता दें कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना 9 जुलाई 1875 में महाराष्ट्र की दलाल स्ट्रीट, काला घोडा, मुंबई में हुई थी। भारत का सबसे पुराना एक्सचेंज होने के साथ ही ये एशिया का भी सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसने हमारे देश को अन्तराष्ट्रीय बाजार में एक अलग पहचान दिलाई है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और NSE में आज 7462 कंपनियां लिस्टेड हैं जबकि 2019 में केवल 4066 कंपनियों ने ही खुद को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के साथ रजिस्टर किया था। साल दर साल स्टॉक एक्सचेंज में नयी नयी कंपनियां खुद को स्टॉक एक्सचेंज के साथ रजिस्टर कर रही हैं | दोनों स्टॉक एक्सचेंज में भी BSE पर कंपनियां ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैं और अपना बिज़नेस करने के साथ साथ भारत का नाम विश्व भर में विख्यात कर रही हैं।

BSE और NSE में क्या अंतर है? Difference between NSE and BSE

NSE or BSE me kya antar hai

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (NSE) भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है। कई कंपनियां ऐसी भी है जो केवल NSE मे है और कई सारी ऐसी भी है जो केवल BSE मे लिस्टेड हैं ।

NSE और BSE में अंतर [ Difference Between NSE and BSE ]

एनएसई और बीएसई दोनों टर्म्स शेयर मार्केट से जुड़े हुये है। यदि आप Share Market में रुचि रखते है तो आपको इन दोनों Stock Exchange Markets के बारे में पता होगा। इस पोस्ट में मैंने एनएसई और बीएसई स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट में मुख्य अंतर क्या है ? टॉपिक पर पूरी जानकारी सांझा की है।

यदि आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ते है तो आपको "Difference Between NSE and BSE" के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। NSE और BSE के बीच अंतर को समझने के लिए आपकों इन सभी टर्म्स को भी समझना होगा जो निम्न है :-

यदि आप इन तीनों टर्म्स को अच्छे से समझ लेते है तो आपको NSE और BSE में Major Difference बहुत आसानी से समझ आ जायेगा। तो आइये बीएसई और एनएसई क्या हैं इन सभी टॉपिक पर पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते है।

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स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट क्या होता है ? What is Stock Exchange Market/Board [ NSE और BSE ] क्या है ?

भारत में 2 प्रकार के स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है,जिसे आप शेयर बाज़ार मार्केट भी कह सकते है। इन स्थानों पर कंपनियों के शेयर ख़रीदे व बेचे जाते है। भारत में दो प्रकार के स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है,जो निम्न है :-

  • National Stock Exchange
  • Bombay Stock Exchange

National Stock Exchange को छोटे रूप में "NSE" और Bombay Stock Exchange को छोटे रूप में 'BSE' कहा जाता है,इन दोनों स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर बेचे और खरीदे जाते है।

बीएसई और एनएसई दोनों स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट ही है लेकिन इसमें कुछ मुख्य अंतर है,जिसके बारे में हम आगे विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

एनएसई और बीएसई में मुख्य अंतर क्या है ? Top Major Difference Between NSE and BSE

1. NSE की फुल फॉर्म National Stock Exchange है। जबकि BSE की फुल फॉर्म Bombay Stock Exchange है।

2. BSE की स्थापना 1875 में हुई थी,यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्स्चेंज मार्केट है। NSE की स्थापना 1992 में हुई थी।

3. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( बीएसई ) में 5000 से अधिक कंपनियाँ रजिस्टर है,जबकि नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज में 1500 से अधिक कंपनियाँ लिस्टेड है जिनके शेयर खरीदे और बेचे जाते है।

4. BSE का इंडेक्स ( सूचकांक ) SENSEX ( सेंसेक्स ) है। सेंसेक्स में बीएसई में लिस्टेड 5000 कंपनियों में से केवल 30 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर्स की वैल्यू का औसत निकाला जाता है और सेंसेक्स के मान का निर्धारण किया जाता है। NSE का इंडेक्स ( सूचकांक ) NIFTY ( निफ्टी ) है। नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्टेड सभी कंपनियों में से 50 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर को देखकर ही NIFTY का मान प्रतिदिन निर्धारित किया जाता है। इस कारण NIFTY को National50 भी कहा जाता है।

Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है

निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।

What is Nifty in Hindi?

निफ्टी क्या है?

NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National बीएसई और एनएसई क्या हैं और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।

निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है

निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।

संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों बीएसई और एनएसई क्या हैं की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।

भारत में दो सूचकांक है

निफ्टी की जानकारी?

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।

निफ्टी की गणना कैसे होती है?

How Nifty is calculated in Hindi

निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।

जो इस प्रकार है –

  • Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
  • Nifty बीएसई और एनएसई क्या हैं की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।

Market बीएसई और एनएसई क्या हैं capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है

इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम बीएसई और एनएसई क्या हैं से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

शेयर मार्केट: सप्ताह में कारोबार के तीसरे दिन बीएसई 421 अंक और निफ्टी 97 पॉइंट नीचे बंद हुआ, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 4% की गिरावट रही

बुधवार को कारोबार के तीसरे दिन बीएसई और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। आज बीएसई 65.8 अंक नीचे और निफ्टी 23.65 पॉइंट की गिरावट के साथ खुला। दिनभर की ट्रेडिंग के दौरान बीएसई 502.66 अंक तक नीचे और निफ्टी 121.3 पॉइंट तक नीचे चला गया।

कारोबार के अंत में बीएसई 421.82 अंक या 1.10% नीचे 38,071.13 पर और निफ्टी 97.70 पॉइंट या 0.86% नीचे 11,202.85 पर बंद हुआ। आज रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर 4% की गिरावट के साथ बंद हुए। इससे पहले मंगलवार को बीएसई 558.22 अंक ऊपर 38,492.95 पर और निफ्टी 168.75 पॉइंट ऊपर 11,300.55 पर बंद हुआ था।

बीएसई में शामिल इन बैंक के शेयरों में बढ़त

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