भारत के प्रमुख सरकारी ऐप/पोर्टल की सूची 2020
भारत सरकार के प्रमुख सरकारी एप्प एवं पोर्टल (Government App/Portal)-केंद्र व राज्य सरकारें जनता के हितों व जरूरी सूचना हेतु समय समय पर एप्प एवं पोर्टल जारी करती है। इसी पर आधारित कई प्रश्न करंट अफेयर्स के अन्तर्गत लगभग सभी सामान्य ज्ञान के पेपर में पूछे जाते है। हम यहां प्रमुख “सरकारी ऐप/पोर्टल (Government App/Portal) की पूरी सूची दे रहे है। जिसके अध्ययन से आप न सिर्फ खुद जान सकोगें बल्कि पूछे गये सवालों का सही उत्तर भी दे सकते है। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगें तो अपने दोस्तों के शेयर जरूर करें।
लॉन्च किया गया भारत ई मार्केट (Bharat E Market) मोबाइल ऐप, विदेशी कंपनियों को देगा कड़ी टक्कर
नई दिल्ली, 13 मार्चः कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने वेन्डर मोबाइल एप्लीकेशन भारत ई मार्केट को शिवरात्रि के दिन लॉन्च कर दिया था। अब ऑनलाइन शोपिंग करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लीपकार्ड के भरोसे नहीं रहना होगा। करीब 8 करोड़ व्यापारियों के संगठन ने वेन्डर मोबाइल एप्लीकेशन भारत ई मार्केट को दिल्ली में लॉन्च किया है। यह पूरी तरह से देशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।
इस संगठन का कहना है कि भारत ई मार्केट पूरी तरह से आधुनिक टेक्नोलॉजी, सशक्त डिलीवरी, इनोवेटिव मार्केटिंग, सक्षम डिजिटल पेमेंट सहित पारदर्शी एवं जिम्मेदार व्यापारिक व्यवस्था के आधार पर निर्मित किया गया है। यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी ई कॉमर्स पोर्टल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा।
ई कॉमर्स पोर्टल भारत ई मार्केट को शुरू करने के पहले फेज में व्यापारियों एवं सेवा प्रदाताओं द्वारा इस पोर्टल पर अपनी ई दुकान बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप को लॉन्च किया। इस अवसर पर कैट के दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों के बड़े व्यापारी नेता मौजूद थे।
इस ई मार्केट पोर्टल पर व्यापारी से व्यापारी और व्यापारी से उपभोक्ता अपना माल बेच और खरीद सकते हैं। इस पोर्टल पर ई दुकान खोलने के लिए हर व्यक्ति को मोबाइल ऐप के जरिए ही सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। दर्ज जानकारी विदेश नहीं जायेगी। क्योंकि यह पूरी तरह घरेलू ऐप है। इसलिए सारा डेटा देश में ही रहेगा और इसे बेचा नहीं जायेगा। किसी भी विदेशी फंडिंग को इस प्लेटफॉर्म के लिए स्वीकार नहीं किया जायेगा। कोई भी विक्रेता चीन का सामान इस पोर्टल पर नहीं बेच सकेगा।
Flipkart और Amazon से सस्ता प्रोडक्ट बेच रहा है यह सरकारी पोर्टल, सर्वे में हुआ खुलासा
भारत में, आपको Amazon और Flipkart जैसी ई-कॉमर्स साइटों पर बहुत सस्ती कीमतों पर उत्पाद मिलते हैं। यह साइट कई सालों से चलन में है। आप आसानी से उत्पादों की खोज कॉमर्स पोर्टल भारत कॉमर्स पोर्टल भारत कर सकते हैं और उन्हें अपने घर पर पहुंचा सकते हैं और इसके लिए आपको बहुत कम राशि का भुगतान करना पड़ता है क्योंकि यदि आप इन उत्पादों को बाजार से खरीदते हैं तो आपको उनके लिए अधिक पैसे देने पड़ते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सामान इससे सस्ता है Flipkart और Amazon को सरकारी पोर्टल पर देखा जा सकता है।
आपको यह बात आश्चर्यजनक लग सकती है लेकिन यह बिल्कुल सच है क्योंकि एक ऐसा सरकारी पोर्टल है जो उत्पाद को भारी छूट के साथ बेच रहा है और गुणवत्ता भी बनाए रख रहा है।
Gem नाम का एक सरकारी बाज़ार है जो अन्य ई-कॉमर्स साइट की तुलना में कम कीमत में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद बेच रहा है। यहां कॉमर्स पोर्टल भारत न केवल आपको उत्पादों की लंबी रेंज मिलती है, बल्कि उनकी कीमत भी अन्य ई-कॉमर्स साइटों की तुलना में कम होती है। यह मार्केट प्लेस अभी भी लोगों की जानकारी में नहीं है और आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि अब दावा किया जा रहा है कि यह मार्केट में लोकप्रिय ई-कॉमर्स साइट की तुलना में अपने उत्पाद को कम कीमत पर बेच रहा है। .
आपको जानकर हैरानी होगी कि 2021-22 में किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि 10 ऐसे उत्पाद हैं जो इस सरकारी पोर्टल पर अन्य ई-कॉमर्स साइटों की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कम कीमत का मतलब यह नहीं है कि इन उत्पादों की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता किया गया है। जिन उत्पादों की लागत कम होती है वे सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद होते हैं।
आपको बता दें कि 22 उत्पादों के बीच कुल तुलना की गई, जिसमें इस पोर्टल पर उत्पादों के साथ-साथ अन्य ई-कॉमर्स साइटों पर उत्पाद शामिल थे और इनमें 10 उत्पाद पाए गए जिनकी कीमत अन्य साइटों की तुलना में 9.5 प्रतिशत थी। कमी देखी गई। यह बहुत बड़ा अंतर है और अगर ग्राहक इस पोर्टल से उत्पाद खरीदते हैं तो उन्हें काफी फायदा होगा। अधिकांश लोगों को इस सरकारी e-marketplace के बारे में पता नहीं है, जिसके कारण वे इन उत्पादों को ई-कॉमर्स साइट पर जाकर खरीदते हैं।
For GEM registration, there is another portal, where they are charging 3000/- to get registered with GEM. You can go to GEM site and try to register also, but that registration is …+
खादी का ई-मार्केट पोर्टल हुआ हिट, ‘गो वोकल फॉर लोकल’ हुए भारतीय
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बावजूद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का खादी का ई-मार्केट पोर्टल बहुत लोकप्रिय हुआ है. केवीआईसी के ऑनलाइन विपणन खंड में प्रवेश ने बड़ी तेजी से भारतीयों तक पहुंच बनाई है. केवीआईसी ई-पोर्टल www.kviconline.gov.in/khadimask से कारीगर देश के दूर से दूर स्थित भागों में अपने उत्पाद बेच रहे है. यह ऑनलाइन बिक्री इस वर्ष 7 जुलाई को केवल खादी के फेस मास्क बनाने के साथ शुरू हुई थी लेकिन अब जल्दी ही पूरी तरह से एक विकसित ई-मार्केट प्लेटफॉर्म बन गई है. आज इस पर 180 उत्पाद मौजूद हैं और बहुत से उत्पाद इसमें शामिल होने की प्रक्रिया में हैं.
केवीआईसी के अनुसार उत्पादों की रेंज में हाथ से कते और हाथ से बुने महीन कपड़े जैसे मलमल, सिल्क, डेनिम और कॉटन, रितु बेरी के यूनिसेक्स विचार वस्त्र, खादी की सिग्नेचर कलाई घड़ी, अनेक प्रकार के शहद, हर्बल और ग्रीन टी, हर्बल दवाइयां और साबुन, पापड़, कच्ची घानी सरसों का तेल एवं अन्य कॉमर्स पोर्टल भारत पदार्थों के साथ विविध प्रकार के हर्बल सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं.
केवीआईसी रोजाना अपनी ऑनलाइन माल सूची में कम-से-कम 10 नए उत्पाद जोड़ रहा है और इसने इस वर्ष 2 अक्टूबर तक कम-से-कम 1000 उत्पादों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है. दो महीने से भी कम समय में केवीआईसी ने लगभग 4000 ग्राहकों को अपनी सेवा उपलब्ध कराई है.
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री "स्वदेशी" मुहिम को गति प्रदान करने वाली है और इसका उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाना है. खादी का ई-मार्केट पोर्टल हमारे कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने के लिए अतिरिक्त मंच उपलब्ध करा रहा है. यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण करने की दिशा में एक मजबूत कदम है.
सक्सेना ने कहा कि सभी वर्गों के खरीददारों की पसंद और सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए उत्पादों की श्रेणी 50 रुपये से 5 हजार रुपये तक है. खादी संस्थानों के उत्पाद इससे पूर्व उनके आउटलेट के माध्यम से बेचे जाते थे इसलिए उनकी दृश्यता केवल कुछ राज्यों तक ही सीमित रहती थी. हालांकि, केवीआईसी ई-पोर्टल के माध्यम से अब उत्पाद देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं, जिससे खादी संस्थानों को व्यापक विपणन परिदृश्य प्राप्त हो रहा है इससे इनका उत्पादन बढ़ेगा और कारीगरों की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
ग्राहकों ने भी खादी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के बारे में बहुत संतोष जाहिर किया है. केवीआईसी ने माल की मुफ्त डिलीवरी के लिए न्यूनतम आदेश 599 रुपये निर्धारित किया है. केवीआईसी ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से वस्तुओं की खेप की आपूर्ति के लिए डाक विभाग के साथ एक अनुबंध किया है. केवीआईसी को 31 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से ऑनलाइन आर्डर मिले रहे है.
केवीआईसी की ऑनलाइन माल सूची में पुरुषों के लिए सिले-सिलाए मोदी कुर्ता और मोदी जैकेट और महिलाओं के लिए पलाजो और सीधे ट्राउजर्स शामिल हैं. अन्य अनेक उत्पाद जैसे खादी रुमाल, मसाले, हर्बल नीम, लकड़ी की कंघी, शैम्पू, सौंदर्य प्रसाधन, गाय का गोबर और गोमूत्र साबुन, योग पोशाक और अनेक प्रकार की रेडी-टू-ईट खाने की वस्तुओं को भी अभी तक इसमें शामिल किया गया है.
कैट ने भारत में अमेजन के ई-वाणिज्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की
नई दिल्लीः व्यापरियों का संगठन कैट ने बृहस्पतिवार को सरकार से अमेजन की ई-वाणिज्य पोर्टल और उसके भारत मे परिचालन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। संगठन ने भारी छूट और माल भंडार पर नियंत्रण के जरिए वैश्विक ई-वाणिज्य कंपनी पर बाजार खराब करने वाली कीमत व्यवस्था में शामिल होने का आरोप लगाया।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने अमेजन के पोर्टल और भारत में उसके कामकाज पर तत्काल पाबंदी लगाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कंपनी के खिलाफ समयबद्ध तरीके से जांच करने का भी अनुरोध किया उन्होंने सरकार से अमेजन और फ्लिपरकार्ट की कारोबारी गतिविधियों की जांच करने का भी आग्रह किया। हालांकि इस बारे में अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों ने कहा कि वे भारतीय कानून के हिसाब से काम कर रहे हैं। कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बृहस्पतिवार को इस संदर्भ में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा।
कैट ने गोयल को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘हमारा संगठन आपके कार्यालय से एफडीआई नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम/नियमों के उल्लंघन और /खामियों का कॉमर्स पोर्टल भारत लाभ उठाकर उसका दुरूपयोग करने के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट (वॉलमार्ट) जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की जांच करने और दंडित करने अनुरोध करता रहा है।'' संगठन ने कहा कि 8-10 फरवरी को नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से कुछ नहीं किए जाने को गंभीरता से कॉमर्स पोर्टल भारत लिया गया।
सम्मेलन में शामिल 150 से अधिक व्यापारी नेताओं ने यह संकल्प लिया कि अगर सरकार इस मामले में तत्काल कदम नहीं उठाती है, देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारतीय कानून के अनुसार काम कर रही है। उसने कहा, ‘‘पिछले कई साल से, ई-वाणिज्य को लेकर नियमों में कई बदलाव किए गए और अमेजन ने हर बार उनके अनुपालन को लेकर तत्काल कदम उठाए हैं।'' ई-मेल के जरिए पूछे गये सवाल के जवाब में फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि वह देश के कानून का पूर्ण रूप से अनुपालन कर रही है और निष्पक्ष व्यापार गतिविधियों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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