संशय को 'असंभावना' और विपर्यय को 'विपरीत-मवना' कहते है । श्रवण से प्रमाण का संदेह दूर होता हैं और यत्न से प्रमेय का संदेह । वेदान्त-य अद्वितीय ब्रहा के प्रतिपादक है या अन्य अर्थ के .
शब्दकोश में परिभाषा
हमारी आकांक्षा यह है कि इस डिजिटल प्रौद्योगिकी, आगामी पीढ़ी अवसंरचना और जलवायु-अनुकूल प्रक्रियाओं के लाभों का इष्टतम प्रयोग करें ताकि रहने योग्य भावी स्थलों का निर्माण किया जा सके।
शताब्दियों से लोग एक ऐसे संसार का स्वप्न देख रहे हैं जिसमें मित्र-भाव, न्याय, समृद्धि, और प्रेम का बोलबाला होगा।
कटे-कटे रहने का स्वभाव लोगों में शक की भावना पैदा करता है, खासकर जब पड़ोस में हर वक्त हिंसा और अपराध का खतरा मँडराता रहता बाजार भावना परिभाषा हो।
बंबई को छोडकर , इनमें से सबसे पहली सांस्कृतिक यात्रा सिंहल में हुई - इस सुंदर द्वीप के प्रति रवीन्द्रनाथ के मन में सदैव सम्मान का भाव रहा था .
"असंभावना" शब्दकोश में हिन्दी का अर्थ
निम्नलिखित ग्रंथसूची चयनों में असंभावना का उपयोग पता करें। असंभावना aसे संबंधित किताबें और हिन्दी साहित्य में उसके उपयोग का संदर्भ प्रदान करने वाले उनके संक्षिप्त सार।.
श्रवणादि ज्ञान के साक्षात् हेतु नहीं है अपितु बुद्धि की असंभावना और विपरीत भावना के नाशक हैं । संशय को 'असंभावना और विपयर्य को विपरीत भावना' कहते हैं । श्रवण से प्रमाण का .
असंभावना f . . INcoNCLUs1vE , o . . not settling a guestion . अनिश्चयकारी , असिद्धांतकारी , अनिर्णयकारी , अनिश्चायक , अनिणायक , अनियामक , अप्रमापक , अपसिद्धांतकारी . INcoNcLusrvENEss , n . v .
बाम ने क्रिसविकुमार की इन उक्तियों को सुनकर कुमार की प्रशंसा क्यों हुए खथ भी बुद्ध धात की प्राप्ति की असंभावना के कारण को इन शब्दों में व्यक्त किया-इस प्रसंग-में और भी क्या .
«असंभावना» पद को शामिल करने वाली समाचार सामग्रियां
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जहां विचार सहज स्वाभाविक, अभिव्यक्ति साफ-सुथरी होनी चाहिए वहीं दोनों की अनुपस्थिति और असंभावना दिनों-दिन भीषण तेजी से बढ़ती जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब हिंदी में बाजार तो होगा, विचार गायब हो जाएगा! बहुत हो चुका अभियान हिंदी को . «Jansatta, जून 15»
यह भावनाओं के साथ खिलवाड़ है
जनवरी में पठान आ रही है, और इसके एक गाने में नायिका के कॉस्ट्यूम कलर पर विवाद खड़ा हो गया है। यह स्वाभाविक है। सच यही है कि हालिया दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें बड़े से बड़े फिल्म निर्माता अथवा निर्देशक अपनी अभिव्यक्ति अथवा कला के नाम पर एक धर्म विशेष के लोगों की भावनाओं को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से ठेस पहुंचाते हैं। इसके लिए वे उनके खान-पान, रीति-रिवाज, सांस्कृतिक व धार्मिक क्रियाकलापों को निशाना बनाते हैं। और, जब विवाद बढ़ता है, तो यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि उनका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं था। यह स्थिति तब है, जब देश में सेंसर बोर्ड जैसी संस्था कार्यरत है। साफ है, इस संस्था को किसी भी फिल्म के शीर्षक, दृश्य, संवाद, पहनावे, गाने आदि को बारीकी से देखना चाहिए, ताकि किसी भी धर्म अथवा संप्रदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। इससे देश का सामाजिक ताना-बाना कायम रहेगा।
सूर्यकांत कुमार
अर्थशास्त्र की धन-संबंधी परिभाषा, विशेषताएँ एवं दोष | Wealth Related Definition in hindi
अर्थशास्त्र का परिभाषा संबंधी वाद-विवाद तो चलता ही रहता है किंतु किसी निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए अर्थशास्त्र की उपलब्ध परिभाषाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करना भी आवश्यक हो जाता है। अर्थशास्त्र संबंधी परिभाषाओं में धन संबंधी परिभाषा, कल्याण संबंधी परिभाषा और दुर्लभता संबंधी परिभाषा व विकास संबंधी परिभाषाएं शामिल हैं।
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अर्थशास्त्र की धन बाजार भावना परिभाषा सम्बन्धी परिभाषा |
धन संबंधी परिभाषा की विशेषताएँ (Characteristics of Wealth Related बाजार भावना परिभाषा Definition in hindi)
चलिए अब हम इन्हीं परिभाषाओं के आधार पर अर्थशास्त्र की विशेषताओं का अध्ययन करते हैं। जिन विशेषताओं के आधार पर आप धन संबंधी परिभाषा के विषय में अधिक विस्तार पूर्वक जान सकेंगे। धन संबंधी परिभाषा की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) अर्थशास्त्र के अंतर्गत ऐसे आर्थिक मनुष्य की कल्पना की गयी है जो सदैव स्वहित की भावना से प्रेरित होकर धन कमाने के लिए अपनी सभी क्रियाओं को संपादित करता है।
(2) अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है। अर्थात अर्थशास्त्र के अध्ययन का केंद्र बिंदु केवल धन को माना गया है।
(5) व्यक्ति की समृद्धि ही देश की समृद्धि मानी जाती है। जिस कारण सामाजिक व व्यक्तिगत हितों के बीच विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। व्यक्तिगत समृद्धि में ही राष्ट्र की समृद्धि निहित है।
धन संबंधी परिभाषाओं की आलोचनाएँ (Criticism of Wealth Related Definition in hindi)
प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के द्वारा उस समय धन को मनुष्य की तुलना में अधिक महत्व क्या मिला, समाज में शोषण, उत्पीड़न, भ्रष्टाचार पनपने लगे। इंग्लैंड के पूंजीपतियों व उद्योगपतियों ने ढेर सारा धन कमाने के लालच में श्रमिक स्त्रियों व बच्चों का शोषण करना शुरू कर दिया। देश मे धन का उत्पादन तो बढ़ा किन्तु इस तरह की क्रिया-प्रतिक्रिया से श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं चरित्र पर उतना ही बुरा प्रभाव पड़ा।
इस दुर्दशा को देखकर तत्कालीन समाज-सुधारकों व बुद्धिजीवियों ने अर्थशास्त्र को 'घ्रणित विज्ञान', 'कुबेर की विद्या', 'रोटी मख्खन का विज्ञान' कहकर आलोचनाएँ की। आइये जानते हैं कि उस समय की धन की परिभाषाओं की आलोचनाएँ क्या हैं या दोष क्या हैं? ये आलोचनाएँ निम्नलिखित हैं-
प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने अपनी उन परिभाषाओं में धन पर आवश्यकता से ज़्यादा ज़ोर दिया बाजार भावना परिभाषा है। जो कि सबसे बड़ा दोष है। जबकि वास्तव में देखा जाए तो धन केवल मनुष्य की आवश्यकताओं की संतुष्टि करने का साधन मात्र है।
आखिर क्या है राष्ट्रवाद की परिभाषा ?
भारत में राष्ट्रवाद आज एक बड़ा विवाद बना हुआ है | सब अपने हिसाब से राष्ट्रवाद की परिभाषा गढ़ रहे है आखिर राष्ट्रवाद क्या है ? भारत में बाजार भावना परिभाषा अलग – अलग धर्म ,जातिया , संस्कृति है लेकिन जो अभी देश में प्रचारित किया जा रहा है वह राष्ट्रवाद नहीं है |राष्ट्रवाद मानवता वाद से भिन्न नहीं है | जो मनुष्य जितना राष्ट्रवादी बाजार भावना परिभाषा होगा वो उतना ही मानवता वादी और मानव प्रेमी होगा |आज राष्ट्रवाद की झूठी तस्वीर लोगो के सामने लाकर उनका दुरूपयोग हो रहा है | हमें जरुरत है सही राष्ट्रवाद को लोगो के सामने लाने की |
हमे अपने देश के साथ दूसरे देशो के लोगो का सम्मान करना चाहिए जो की हमे दूसरो से अलग बनाता है |हमे हमारे देश में बने सारे कानूनों का पालन करना चाहिए |जो भी हमको हमारे देश ने दिया उसमे संतुष्ट रहना चाहिए | टैक्स प्रणाली का सम्मान करना चाहिए तथा उसे समय से अदा करना चाहिए | ना रिश्वत लेना है और नाही देना है ,यह सोच हमारे दिलो दिमाग में होना चाहिए | देश के विकास में हमारा सहयोग होना चाहिए |
प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल करना चाहिए | कही भी कुछ भी गलत हो रहा हो तो हमें चुप नहीं बैठना चाहिए बल्कि उसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए | शोषण के खिलाफ ,सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हमेशा खड़ा होना चाहिए | नेता का चयन उसकी काबिलियत के आधार पर करना चाहिए ना कि उसका धर्म या जाति देखकर |
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