निवेश वित्तीय साधन
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मैं अपने वित्तीय लक्ष्य किस तरह से पूरे करुं?

आप यात्रा के लिए परिवहन के साधन के चयन पर किस तरह से निर्णय लेते हैं? आप पैदल जाना चाहें, ऑटो रिक्शा लें या निवेश वित्तीय साधन रेल गाडी या हवाई जहाज, यह सब कुछ उस यात्रा के लिए आपके पास उपलब्ध बजट व यात्रा समय पर निर्भर करता है।
अपने वित्तीय लक्ष्यों के नियोजन के लिए भी इन्ही प्रकार के सिद्धांतों की जरूरत होती है।
भिन्न-भिन्न यात्रा ज़रूरतों के लिए परिवहन के भिन्न-भिन्न परिवहन साधन- भिन्न-भिन्न जरूरतों के लिए भिन्न-भिन्न योजनाएं (या योजनाओं का संयोजन)।
कोई बेहद छोटी अवधि की ज़रूरतों के लिए लिक्विड फंड; मध्य अवधि की ज़रूरतों के लिए इनकम फंड और दीर्घकालीन ज़रूरतों के लिए इक्विटी फंड (या विभिन्न फंड के संयोजन) पर विचार कर सकता है। समान परिसंपत्ति श्रेणी की भिन्न-भिन्न योजनाओं में भिन्न-भिन्न निवेशक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश कर सकते हैं।
याद रखिए, प्रत्येक निवेशक ज़रूरत के लिए म्यूचुअल फंडों में समाधान उपलब्ध हैं। किसी की विशिष्ट जरूरत के लिए उपयुक्त समाधान को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
मैं अपने वित्तीय लक्ष्य किस तरह से पूरे करुं?

आप यात्रा के लिए परिवहन के साधन के चयन पर किस तरह से निर्णय लेते हैं? आप पैदल जाना चाहें, ऑटो रिक्शा लें या रेल गाडी या हवाई जहाज, यह सब कुछ उस यात्रा के लिए आपके पास उपलब्ध बजट व यात्रा समय पर निर्भर करता है।
अपने वित्तीय लक्ष्यों के नियोजन के लिए भी इन्ही प्रकार के सिद्धांतों की जरूरत होती है।
भिन्न-भिन्न यात्रा ज़रूरतों के लिए परिवहन के भिन्न-भिन्न परिवहन साधन- भिन्न-भिन्न जरूरतों के लिए भिन्न-भिन्न योजनाएं (या योजनाओं का संयोजन)।
कोई बेहद छोटी अवधि की ज़रूरतों के लिए लिक्विड फंड; मध्य अवधि की ज़रूरतों के लिए इनकम फंड और दीर्घकालीन ज़रूरतों के लिए इक्विटी फंड (या विभिन्न फंड के संयोजन) पर विचार कर सकता है। समान परिसंपत्ति श्रेणी की भिन्न-भिन्न योजनाओं में भिन्न-भिन्न निवेशक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश कर सकते हैं।
याद रखिए, प्रत्येक निवेशक ज़रूरत के लिए म्यूचुअल फंडों में समाधान उपलब्ध हैं। किसी की विशिष्ट जरूरत के लिए उपयुक्त समाधान को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
शेयर मार्केट में कौन से फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (वित्तीय साधनों) का कारोबार होता है?
जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक (शेयर होल्डर) बन जाते हैं. शेयर की कीमतों में हर पल उतार-चढ़ाव होता है.
स्टॉक मार्केट केवल शेयरों तक ही सीमित नहीं है इसमें कई और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट भी शामिल हैं . ये इंस्ट्रूमेंट एक बड़ा रिटर्न भी देते हैं . निवेशक अपना पैसा शेयर मार्केट में पूंजी बनाने के लिए लगाते हैं . कुछ निवेशक लंबी अवधि ( लॉन्ग टर्म ) के लिए और कुछ छोटी अवधि ( शॉर्ट टर्म ) के लिए पैसा लगाते हैं . आमतौर पर लोगों को लगता हैं कि शेयर मार्केट में सिर्फ शेयरों का ही कारोबार होता है लेकिन ऐसा नहीं है . शेयरों के अलावा और भी कई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट ( वित्तीय साधन ) हैं , जिनका शेयर मार्केट में कारोबार होता है . इस आर्टिकल ( लेख ) में हम उनके बारे में बात करेंगे .
शेयर शेयर , स्टॉक एक्सचेंज का सबसे पॉपुलर ( लोकप्रिय ) फाइनेंशियल प्रोडक्ट ( वित्तीय उत्पाद ) है . जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक ( शेयर होल्डर ) बन जाते हैं . शेयर की कीमतों में हर पल उतार – चढ़ाव होता है . इस उतार – चढ़ाव से फायदा और नुकसान निर्धारित होता है .निवेश वित्तीय साधन
डेरिवेटिव्स एक डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है . डेरिवेटिव्स में निवेशक एक खास दिन और एक खास दर पर एसेट खरीदने या बेचने का कॉन्ट्रैक्ट ( अनुबंध ) करता है . इस एसेट में शेयर , करेंसी , कमोडिटी आदि शामिल हो सकते हैं . डेरिवेटिव्स को सोने ( गोल्ड ) और तेल ( ऑयल ) में निवेश के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है . मूल रूप से चार तरह के डेरिवेटिव्स होते हैं – फ्यूचर्स ( वायदा कारोबार ), ऑप्शंस , फॉरवर्ड्स और स्वैप . डेरिवेटिव ट्रेड के बारे में ज्यादा जानने के लिए 5paisa.com https://bit.ly/3RreGqO पर जाएं , जहां आपको डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए कई प्रोडक्ट मिलेंगे .
म्यूचुअल फंड (Mutual fund ) म्यूचुअल फंड कई निवेशकों से पैसा जुटाकर विभिन्न एसेट में जैसे इक्विटी , मनी मार्केट , बॉन्ड और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स ( वित्तीय साधनों ) में पैसा लगाते हैं . इसमें आपके पोर्टफोलियो को फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है , जिनका काम निवेशकों को हाई रिटर्न दिलाना होता है . नए निवेशकों और शेयर मार्केट की कम जानकारी रखने वालों के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प ( ऑप्शन ) हो सकता है .
बॉन्ड (Bonds) सरकार या कंपनियां पैसा जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करती हैं . वास्तव में बांड खरीदकर आप एक तरह से इसे जारी करने वाले को उधार दे रहे होते हैं . जारीकर्ता आपको इस ऋण ( लोन ) के लिए ब्याज ( इंटरेस्ट ) का भुगतान करता है . बॉन्ड को निवेश का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है क्योंकि वे निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर देते हैं . बॉन्ड को उनकी निश्चित आय ( फिक्स्ड इनकम ) की वजह से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज ( निश्चित आय प्रतिभूतियां ) भी कहा जाता है .
मुद्रा (Currency) करेंसी को करेंसी मार्केट में खरीदा और बेचा जाता है जैसे फॉरेक्स मार्केट . करेंसी ट्रेडिंग में बैंक , कंपनियां , केंद्रीय बैंक ( जैसे भारत में आरबीआई बैंक ), इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म , ब्रोकर और सामान्य निवेशक शामिल होते हैं . करेंसी ट्रेडिंग में लेनदेन हमेशा जोड़ों में होता है . उदाहरण के लिए , USD/INR रेट का मतलब है कि एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने में कितने रुपये लगेंगे . आप BSE, NSE, या MCX-SX जैसे एक्सचेंजों के जरिए करेंसी ट्रेड कर सकते हैं .
क्या आप चेन्नई सुपर किंग्स और रिलायंस रिटेल में निवेश करना चाहते हैं? जानिए कैसे!
नए जमाने के ब्रोकर और क्रांतिकारी तकनीकी प्लेटफार्मों के माध्यम से रिटेल निवेशकों (आपके और हमारे जैसो) के लिए शेयर बाजारों में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है, कि आप ओयो रूम्स, चेन्नई सुपर किंग्स और रिलायंस रिटेल जैसी निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकते हैं?
आपने मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला पर प्री-आईपीओ कंपनियों में निवेश करके करोड़ों कमाने पर लेख पढ़ा होगा। दशकों तक, निजी इक्विटी बाजार केवल हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (high net-worth individuals) और उनके जैसे उद्यम पूंजीपतियों के लिए ही सुलभ थे। लेकिन आज चीजें बदल रही हैं! इस लेख में, भारत के निजी इक्विटी बाजार और शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने से पहले आप फर्मों में कैसे निवेश कर सकते हैं, इसके बारे में अधिक जानेंगे।
निजी इक्विटी क्या है?
भारत में हम अक्सर प्रमुख उद्यम पूंजीपतियों और हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों द्वारा निजी स्वामित्व वाली कंपनियों( privately-owned companies) या स्टार्टअप में निवेश करने की खबरें सुनते हैं। इन निवेशों को बाजार के संदर्भ में निजी इक्विटी (private equity) के रूप में उल्लेखित किया जाता है। यह, फर्मों को अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को चलाने, नए उत्पादों या प्रौद्योगिकी पर काम करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस तरह के निजी निवेश का उपयोग विस्तार, विविधीकरण या अधिग्रहण के लिए भी निवेश वित्तीय साधन किया जाता है। अपनी व्यापक वित्तीय संसाधन के साथ, संस्थानों को आकर्षक व्यवसाय मॉडल तक पहली पहुंच मिलती है। जैसे-जैसे कंपनियां बढ़ती हैं और सार्वजनिक हो जाती हैं, ये शुरुआती निवेशक और प्रमोटर अपने शेयर बहुत अधिक मूल्य पर बेचते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत में स्थित निजी कंपनियां और स्टार्टअप अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करके फले-फूले हैं। 2020 में, निजी बाजार में निवेश सार्वजनिक बाजार की तुलना में 2.5 गुना अधिक था। EY रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फर्मों में PE और उद्यम पूंजी निवेश 2021 में 77 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, 2020 की तुलना में 62% की वृद्धि। हमारे देश में ई-कॉमर्स, फिनटेक और एड-टेक सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं। ऐसेमे भारतीय व्यवसायों में कौन निवेश नहीं करना चाहेगा।
दुर्भाग्य से, रिटेल निवेशकों को हमेशा निजी इक्विटी बाजारों में प्रवेश बाधा का सामना करना पड़ा है। निजी फर्मों के निवेश दौर और लेन-देन लाखों डॉलर में (थोक में) किए जाते हैं और छोटे निवेशकों के जेब के अनुकूल नहीं होते हैं। निवेश वित्तीय साधन निजी इक्विटी निवेश भी तरल नहीं होते हैं और इनमें सख्त लॉक-इन अवधि होती है। ज्यादातर मामलों में, इन लेनदेन में पारदर्शिता का अभाव होता है। जब Happiest Minds Tech, Nykaa, और लेटेंट व्यू एनालिटिक्स जैसी कंपनियों ने अपने IPO जारी किए, तो हममें से अधिकांश ने उनमें जल्द से जल्द निवेश करना चाहा होगा। इसके अलावा, कम कीमत वाली कंपनियों के शेयर खरीदना हमेशा निवेश का सार रहा है।
मैं निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकता हूं?
रिटेल निवेशकों के रूप में, हम अक्सर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए नए तरीकों की तलाश करते हैं। इस प्रकार, निजी कंपनियों की इक्विटी में निवेश करने से हम उनकी विकास के सफ़रका हिस्सा बन सकते हैं। इस तरह के निवेश अब लीडऑफ (Leadoff) नामक एक नए मंच के माध्यम से संभव हैं, जिसका उद्देश्य भारतीयों के लिए निजी इक्विटी का लोकतंत्रीकरण करना है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म अनिवार्य रूप से प्रवेश की बाधा को तोड़ता है और आपको प्रमुख निजी कंपनियों में निवेश करने की अनुमति देता है। यह एक सहज एवं सरल निवेश मंच प्रदान करने के लिए बिचौलियों और समय लेने वाली प्रलेखन प्रक्रियाओं को कम करता है। आप इसकी मदत से चेन्नई सुपर किंग्स, जल्द ही सार्वजनिक होने वाली Oyo Rooms, PharmEasy, और Reliance Retail जैसी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, जिसकी न्यूनतम राशि केवल 10,000 रुपये है! इन उच्च-विकास फर्मों की वित्तीय रिपोर्टों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के माध्यम से कोई भी तर्कसंगत निवेश का निर्णय ले सकते है। निवेशकों को निवेश करने से पहले हमेशा इन रिपोर्टों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।
यह कैसे काम करता है?
लीडऑफ़ ने निजी स्वामित्व वाली कंपनियों के शुरुआती निवेशकों, संस्थापकों और अन्य शेयरधारकों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है। इस प्रकार, वे विभिन्न संस्थाओं से शेयर प्राप्त करते हैं और उन्हें सीधे अपने प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को हस्तांतरित करते हैं। शेयर की कीमतों का मूल्यांकन संबंधित कंपनियों और उनकी ऑडिटिंग फर्मों द्वारा किया जाता है। और जब आप ऑर्डर देते हैं, तो लीडऑफ़ शेयरों को सीधे आपके मौजूदा डीमैट खाते में स्थानांतरित कर देता है!
प्लेटफ़ॉर्म बैंक-स्तरीय सुरक्षा और उपयोगकर्ता के अनुकूल डैशबोर्ड प्रदान करता है ताकि आप अपने लेनदेन पर निवेश वित्तीय साधन नज़र रख सकें। पोजीशन/होल्डिंग्स को कंपनी शेयर बायबैक के माध्यम से या सार्वजनिक लिस्टिंग के समय बाहर निकाला जा सकता है। साथ ही, भारत में निजी इक्विटी शेयरों में किए गए सभी लेनदेन कानूनी हैं!
निवेश करने का निर्णय लेने से लेकर वास्तव में शेयर प्राप्त करने तक, आप 3 आसान चरणों में लेनदेन करने के लिए सक्षम होंगे:
- जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं उसकी पूरी जांच पड़ताल करे। पूरी तरह से स्क्रीनिंग प्रक्रिया के बाद लीडऑफ ने कई उच्च-विकास फर्मों को चुना है।
- सूचित निर्णय लेने के लिए इन-प्लेटफ़ॉर्म रिपोर्ट की सहायता से कंपनी के बारे में शोध करें।
- भुगतान करें, और शेयर 24-48 घंटों में सीधे आपके मौजूदा डीमैट खाते में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।
हाल ही में हमने देखा है, कि अधिकांश IPO ओवरसब्सक्राइब हो रहे हैं और कुछ भाग्यशाली निवेशक महत्वपूर्ण लिस्टिंग लाभ का आनंद ले रहे हैं। ज़रा सोचिए, कि अगर आप बहुत पहले कार्रवाई करने में सक्षम होंगे, तो रिटर्न क्या होगा! आप इस प्लेटफार्म के सहायता से सक्रिय निवेशकों के क्लब में शामिल हो सकते है, जो भारत के निजी बाजारों के विकास के लिए उत्साहित हैं! जबकि लीडऑफ़ (Leadoff) अभी भी ‘वेटलिस्ट’ मोड में है, आप मार्केटफ़ीड रीडर की कतार को छोड़ सकते हैं और यहां से प्लेटफॉर्म में शामिल हो सकते हैं।
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