इस स्टडी में 60 साल से ज्यादा उम्र के 106 ऐसे बुजुर्गों को शामिल किया गया है, जिनका इलाज एम्स में चल रहा था. इनमें 58 पुरुष और 48 महिलाएं शामिल थी. इन 106 बुजुर्गों में से 103 की उम्र 79 साल के बीच जबकि बाकी 3 की उम्र 80 साल से ज्यादा थी. इन पर की गई स्टडी में यह पाया गया है कि 18.87% यानी 20 बुजुर्गों में डिप्रेशन के लक्षण पाए गए थे, जबकि 2 में मध्यम लक्षण थे. वहीं दूसरी तरफ 24 बुजुर्गों यानी 22.6% में घबराहट (anxiety) के लक्षण देखे गए है. इनमें से 20 में घबराहट के हल्के लक्षण थे और 4 मरीजों में मध्यम किस्म के लक्षण देखे गए हे.
बुजुर्गों की बढ़ती आबादी से डिमेंशिया का खतरा
पटियाला |लाइफ एक्सपेक्टेंसीबढ़ने और जन्म दर घटने के साथ अगले कुछ दशकों में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही बुजुर्गों में अल्जाइमर डिमेंशिया (याददाश्त कमजोर होना) की बीमारी बढ़ने के संकेत हैं।
यूनाइटेड नेशनल पापुलेशन के अनुसार आने वाले कुछ समय में 15 फीसदी से भी ज्यादा आबादी बुजुर्गों की होगी। इनमें 5 फीसदी बुजुर्गों को उक्त बीमारी होने की संभावना है। वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे पर कोलंबिया एशिया अस्पताल के डाॅ. सतवंत सचदेवा कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी ने बताया कि डिमेंशिया एक ऐसा शब्द है जिसे बुढ़ापे में होने वाली याददाश्त की कमजोरी और दूसरे इंटलैक्चुअल डिसऑर्डर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अल्जाइमर डिमेंशिया धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है जिसमें लक्षण धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं और मरीज की हालत खराब होती जाती है। सबसे अधिक दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ जाता है। डिमेंशिया न्यूरोलॉजिकल डिस आर्डर है और अलग-अलग लोगों में इसके अलग लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को आमतौर पर परिवार के लोग अनदेखा कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बढ़ती उम्र का असर है।
कोरोना के बाद बुजुर्गों में दिख रहे हैं घबराहट के लक्षण- स्टडी
- News18Hindi
- Last Updated : April 03, 2022, 21:24 IST
Signs Of Anxiety in Older Patients: पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस ने हर उम्र के लोगों को प्रभावित किया है, खासकर कोरोना की दूसरी लहर ने तो कुछ ज्यादा ही परेशानी बढ़ा दी. दूसरी लहर के दौरान ही इस संक्रमण ने लोगों को डायबिटीज और लिवर से संबंधित बीमारी तक दी. इस दौरान बुजुर्गों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिस पर एम्स ने स्टडी की है. दैनिक भास्कर अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, इस स्टडी में मरीजों की मेंटल हेल्थ पर पड़े असर को जाना गया. इस स्टडी में समाने आया कि बुजुर्गों को कोरोना की वजह से डिप्रेशन (Depression) से ज्यादा घबराहट (Anxiety) हो रही है.
बुजुर्गों में तनाव से मैमाेरी लाॅस का खतरा
देशमें पांच में से एक बुजुर्ग किसी किसी मानसिक रोग का सामना कर रहा है। इसका कारण है लगातार मानसिक तनाव। इन बुजुर्गों को अपनी बीमारी के बारे में पता ही नहीं चलता। इसलिए जरूरी है कि बुजुर्गों के लक्षण बुजुर्गों में होने वाले किसी भी मानसिक रोग की पहचान जल्द कर ली जाए। मानसिक विकारों का इलाज होने पर बुजुर्ग काम करने की क्षमता खोने लगते हंै। लेकिन अगर इस प्राॅब्लम का पता लग जाए तो इलाज संभव है। ये बात मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल (एमएसएसएच) के डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सचिन कौशिक ने रविवार को बुजुर्गों के लिए हुए सेमिनार में बुजुर्गों के लक्षण कही। बढ़ती उम्र में हताशा, एक बढ़ती महामारी विषय पर ये सेमिनार हुआ।
डॉ. सचिन कौशिक बताते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर आकर माइंड फुलनेस बेस्ड तनाव कम करने के लिए माइंड फुल वॉकिंग और दूसरे ध्यान भी शामिल हैं। इन तरीकों से मानसिक रोगों को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योगा और सीनियर सिटीजंस क्लब या सामाजिक संबंधों को बढ़ाकर मानसिक विकारों को दूर किया जा सकता बुजुर्गों के लक्षण है। इससे भी अगर राहत मिले तो बुजुर्गों को डॉक्टर से कंस्टेशन लेनी चाहिए।
कोरोना के लक्षण क्या बच्चों और बुजुर्गों में अलग-अलग होते हैं?
बुजुर्गों में इस घातक वायरस के लक्षण आम लोगों से अलग हो सकते हैं. आमतौर पर जुकाम, बुखार और सांस लेने की तकलीफ के तौर पर पहचाने जाने वाला वायरस बुजुर्गों में इनसे अलग लक्षण भी पैदा कर सकता है. बुजुर्ग लोगों को थकान, भूख कम लगना, कुछ समझ न आना, बैलंस बिगड़ने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ज्यादा उम्र के लोगों को इन बुजुर्गों के लक्षण लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और फौरन मदद लेनी चाहिए. दरअसल उम्र के साथ हमारा शरीर बदल जाता है और ऐसे में किसी बीमारी के लिए प्रतिक्रिया भी अलग हो जाती है. ज्यादा उम्र में शरीर बुजुर्गों के लक्षण सुस्त हो जाता है. बोन मैरो फाइटर और सिग्नल सेल्स कम बनाने लगता है. बुजुर्गों के इम्यून सेल्स धीमे बुजुर्गों के लक्षण काम करते हैं.
बुजुर्गों में अकसर दिखने वाले ऐसे 12 लक्षण जो गंभीरता से लेने चाहियें
वही लक्षण जो एक युवा व्यक्ति में एक कारण से हो सकते हैं वे बुजुर्गों में दूसरे कारणों से हो सकते हैं। युवा व्यक्ति में शायद वे इतने गंभीर न हों, पर बुज़ुर्ग में वे किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत कर सकते हैं। बुजुर्गों में अकसर कई चिरकालिक पुरानी बीमारियाँ पहले से मौजूद होती हैं, चोटें होती हैं, उनमें उम्र की वजह से शारीरिक परिवर्तन होते हैं। इन सब के कारण कभी-कभी उनमें अन्य गंभीर लक्षण स्पष्ट प्रकट नहीं होते या इतने गंभीर नहीं लगते । यदि इन लक्षणों को नजरंदाज करें, इनकी सही जांच न करें, बुजुर्गों के लक्षण तो इनको पैदा करने वाली बीमारियों का इलाज नहीं होता और इन से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर या घातक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इन अस्पष्ट चेतावनी संकेतों पर ध्यान दिया जाए, इनके वास्तविक कारणों की पहचान हो, और तुरंत उचित कदम लिए जाएँ।
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